By अंकित सिंह | Jan 12, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नासिक में श्री कालाराम मंदिर में पूजा की। रामायण से जुड़े स्थानों में पंचवटी का विशेष स्थान है क्योंकि रामायण की कई महत्वपूर्ण घटनाएँ यहीं घटी थीं। भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने पंचवटी क्षेत्र में स्थित दंडकारण्य वन में कुछ वर्ष बिताए थे। पंचवटी नाम का अर्थ है 5 बरगद के पेड़ों की भूमि। किंवदंती है कि भगवान राम ने यहां अपनी कुटिया स्थापित की थी क्योंकि 5 बरगद के पेड़ों की उपस्थिति ने इस क्षेत्र को शुभ बना दिया था। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के भव्य 'प्राण-प्रतिष्ठा' समारोह से ठीक 10 दिन पहले पीएम मोदी का इस स्थान पर आना अधिक महत्व रखता है क्योंकि भगवान राम के जीवन में इसका बहुत महत्व है।
मंदिर का नाम राम की एक काली मूर्ति के नाम पर रखा गया है। कालाराम का शाब्दिक अनुवाद "काला राम" है। गर्भगृह में देवी सीता और भगवान लक्ष्मण की मूर्तियाँ भी हैं। मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। एक अज्ञात देवता को समर्पित मूल मंदिर बहुत पुराना था, अनुमानतः 7वीं से 11वीं शताब्दी तक राष्ट्रकूट काल का था। हालाँकि, राम की मूर्ति की प्राचीनता का दावा किया गया है कि यह 2000 वर्ष से अधिक पुरानी थी, इसकी पुष्टि नहीं की गई है। एक किस्से के अनुसार, प्रारंभिक तुर्की आक्रमणों के दौरान, मंदिर के ब्राह्मणों द्वारा भगवान की मूर्ति को बचाने के लिए गोदावरी नदी में फेंक दिया गया था।
इससे पहले मोदी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले शुक्रवार से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ किया। साथ ही उन्होंने कहा कि जो अनुभव उन्हें हो रहा है वैसा अनुभव उन्हें जीवन में पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भावुक हूं, भाव-विह्वल हूं। मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हूं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस स्वप्न को अनेक पीढ़ियों ने वर्षों तक एक संकल्प की तरह अपने हृदय में जिया, उन्हें उसे साकार होते हुए देखने का सौभाग्य मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सभी भारतीयों और भगवान राम के भक्तों के लिए पवित्र अवसर है और हर कोई 22 जनवरी को उस ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रहा है जब भगवान राम की प्रतिमा अयोध्या में स्थापित की जाएगी जिसे भक्त उनका जन्म स्थान मानते हैं। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह इस पवित्र पल के साक्षी बनेंगे। मोदी ने कहा कि प्रभु ने उन्हें ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के दौरान सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है और वह इसे ध्यान में रखते हुए 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं।’’