By नीरज कुमार दुबे | Jan 25, 2024
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा को कैसे देखते हैं आप? इससे दोनों देशों के रक्षा और रणनीतिक संबंधों पर क्या असर पड़ने वाला है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति का भारत आगमन वह भी सीधे जयपुर आकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रोड़ शो करना ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के मजबूत संबंधों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत जिस तरह से रोड़ शो के माध्यम से विदेशी नेताओं को भारतीयों के करीब ला रहा है उससे उन देशों के साथ भारत के संबंधों में बड़ा सुधार आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस के संबंध वैसे भी समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं और भारत ने जब परमाणु परीक्षण किया था तब भी दुनिया के कई बड़े देश भारत के विरोध में खड़े हो गये थे लेकिन फ्रांस ने ऐसा नहीं किया था। उन्होंने कहा कि रक्षा सौदों से लेकर अन्य व्यापारिक करारों से भी दोनों देशों के रिश्ते लगातार मजबूत होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस ने सदा ही संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। साथ ही अब तक फ्रांस के पांच राष्ट्रपति भारत आ चुके हैं जो दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वैसे भी फ्रांस के राष्ट्रपति को प्रस्तावित क्वॉड बैठक में भाग लेने के लिए भारत आना ही था मगर अमेरिकी राष्ट्रपति के घरेलू राजनीति में उलझे होने के चलते जब वह गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि नहीं बन पाये तो फ्रांस के राष्ट्रपति को आमंत्रित कर लिया गया। उन्होंने कहा कि जिस तरह ऐन वक्त पर फ्रांस के राष्ट्रपति ने मुख्य अतिथि बनने का निमंत्रण स्वीकारा वह यह भी दर्शाता है कि मोदी और मैक्रों के संबंध कितने सहज और गहरे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मैक्रों इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने वाले फ्रांस के छठे नेता होंगे।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच जयपुर में हुई वार्ता के एजेंडा में रक्षा और सुरक्षा, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा और छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल रहा। उन्होंने कहा कि मैक्रों की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब दोनों देशों के शीर्ष वार्ताकार भारत द्वारा 26 राफेल-एम (समुद्री संस्करण) लड़ाकू विमान और फ्रांसीसी-डिज़ाइन वाली तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के लिए दो रक्षा सौदों को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समझा जाता है कि इस खरीद के सिलसिले में कीमत और विभिन्न तकनीकी पहलुओं सहित बातचीत में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अपनी रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत के 25 साल बाद, फ्रांस और भारत ने अगले 25 साल के लिए नए साझा लक्ष्य तय किए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा दोनों देश अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में योगदान देने में भी महत्वपूर्ण भागीदार हैं, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, जहां दोनों देशों ने "संयुक्त रणनीति" लागू की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मैक्रों के रोड शो के माध्यम से लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ेगा जिससे भारतीय छात्रों, कलाकारों, निवेशकों और पर्यटकों के लिए अधिक अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि फ्रांस ने घोषणा भी की है कि वह फ्रांस 2030 तक अपने यहां 30,000 भारतीय छात्रों का स्वागत करना चाहता है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस का 95-सदस्यीय मार्चिंग दस्ता और 33-सदस्यीय बैंड दस्ता भी शामिल होगा। फ्रांस की वायु सेना के दो राफेल लड़ाकू विमान और एक एयरबस ए330 मल्टी-रोल टैंकर परिवहन विमान भी समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी भी पिछले साल 14 जुलाई को पेरिस में आयोजित ‘बैस्टिल’ दिवस परेड में सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों ने पिछले साल सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया था और प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी और अब जयपुर में हुई वार्ता ने दोनों देशों के संबंधों को और गहरा कर दिया है।