By अभिनय आकाश | Oct 07, 2024
इजरायल की तरफ से लेबनान पर हमले लगातार किए जा रहे हैं। आईडीएफ ने दक्षिणी बेरूत में बमबारी तेज कर दी है। इजरायल ने लेबनान में बमबारी करते हुए हिजबुल्ला और हमास, दोनों के लड़ाकों को निशाना बनाया। लेकिन ये हमले फ्रांस को ज्यादा चुभ गए। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजरायल के हमलों को लेकर जिस तरह के तेवर दिखाए उसके बाद इजरायल बुरी तरह भड़क गया। भड़कते नेतन्याहू के बयान को सुनकर फ्रांस के राष्ट्रपति भी सकते में आ गए और उन्होंने अपना बयान ही बदल दिया और अपने स्टैंड से यू-टर्न ले लिया। मीडिल ईस्ट के हालात खराब हो रहे हैं। लेकिन बिगड़ते हालातों के बीच फ्रांस ने इजरायल को चेतावनी क्या दी वही चेतावनी फ्रांस को भारी पड़ गई। इजरायल लेबनान पर लगातार भारी हमले कर रहा है। इसी बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गाजा में इस्तेमाल होने वाले हथियारों की बिक्री रोक देने की बात कही।
फ्रांस के बयान के बाद बेंजामिन नेतन्याहू की तीखी प्रतिक्रिया आई। इजरायल के पीएम बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि फ्रांस अगर हमारा साथ नहीं भी दे तो भी हम यह जंग जीत सकते है। फ्रांस के राष्ट्रपति को अपनी बात पर शर्म आनी चाहिए। इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति ने अपनी भावना ही पलट दी। नेतन्याहू की प्रतिक्रिया के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने नरम रुख अपनाया। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबित मैक्रों के ऑफिस ने बयान जारी कर सफाई दी। उन्होंने कहा कि वो इजरायल की सुरक्षा का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही दोहराया कि फ्रांस ईरान या उसके किसी भी प्रॉक्सी को इजरायल पर हमला करने की अनुमति नहीं देगा। अगर कोई बल प्रयोग करता है तो फ्रांस उसका सामना करेगा।
वहीं इससे पहले जो बयान इमैनुएल मैक्रों ने दिया था वो ठीक इसके उलट था। मैक्रों ने कहा था कि आज के किसी भी मुद्दे का राजनैतिक समाधान निकालना चाहिए। हम गाजा में लड़के के लिए हथियार भेजना बंद करेंगे। फ्रांस कोई सॉल्शून नहीं दे रहा। मुझे खेद है कि राष्ट्रपति नेतन्याहू ने नया विकल्प नहीं चुना। लेबनान नया गाजा नहीं बनना चाहिए। इमैनुएल मैक्रों के इसी बयान को लेकर नेतन्याहू भड़क उठे थे। उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कई पश्चिमी देशों के नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इजरायल उनके समर्थन के साथ या उनके बिना भी जीत लेगा। उन्होंने मैक्रों के हथियार प्रतिबंध की बात को अपमानजनक बताया। इसके बाद तो मानो फ्रांस पुरी तरह से घिर गया और पूरे मामले पर सफाई देनी पड़ गई।