By अंकित सिंह | Dec 04, 2023
लालदुहोमा की ZPM (ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट) मिजोरम में शानदार जीत हासिल की है। उसने 40 विधानसभा सीटों में से 27 सीटें जीत लीं और सत्तारूढ़ एमएनएफ (मिज़ो नेशनल फ्रंट) को सत्ता से हटा दिया। एमएनएफ की हार के बाद ज़ोरमथांगा ने राजभवन में राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मिजोरम के निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने कहा कि सत्ता विरोधी प्रभाव के कारण और लोग मेरे प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं इसलिए मैं हार गया। मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करता हूं और मुझे उम्मीद है कि अगली सरकार अच्छा प्रदर्शन करेगी।
ज़ोरमथांगा के लिए, यह दोहरी मार थी, क्योंकि वह न केवल राज्य हार गए, बल्कि अपनी सीट भी हार गए। मिजोरम के मुख्यमंत्री को आइजोल पूर्व में प्रतिद्वंद्वी जेडपीएम उम्मीदवार, लालथनसांगा ने हरा दिया। ललथनसांगा ने 2,101 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। इस बीच, जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने सेरछिप में एमएनएफ उम्मीदवार को 2,982 वोटों के आसान अंतर से हराकर जीत हासिल की। सत्तारूढ़ एमएनएफ ने 10 सीटें जीती हैं। बीजेपी ने दो जीत हासिल कर ली है, जबकि कांग्रेस एक सीट पर जीतने में कामयाब रही।
भाजपा ने पलक और सैहा सीट अपने नाम कर ली है। कांग्रेस ने लांग्तलाई वेस्ट सीट पर जीत हासिल की। निर्वाचन आयोग के अनुसार, चुनाव में जिन नेताओं को हार का सामना करना पड़ा उनमें उप मुख्यमंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार तावंलुइया शामिल हैं जो तुइचांग में जेडपीएम उम्मीदवार से हार गए। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार आर लालथंगलियाना दक्षिण तुईपुई में जेडपीएम के जेजे लालपेखलुआ से हार गए और ग्रामीण विकास मंत्री लालरुआत्किमा को आइजोल वेस्ट-द्वितीय सीट पर जेडपीएम के उम्मीदवार लालनघिंगलोवा हमार से हार झेलनी पड़ी।
मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान सात नवंबर को हुआ था और राज्य के 8.57 लाख मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। चुनाव में 18 महिलाओं सहित कुल 174 उम्मीदवार मैदान में थे। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने 40-40 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि भाजपा ने 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। मिजोरम में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा। इसके अलावा 17 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।