By अंकित सिंह | Sep 09, 2022
उत्तर प्रदेश में निजी मदरसों के सर्वेक्षण को लेकर राजनीति गर्म है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य की गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए उनके सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया था। इसको लेकर विपक्ष के सभी दलों ने योगी सरकार से सवाल पूछे थे। आज मायावती ने भी निजी मदरसों के सर्वेक्षण पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि मदरसों के सर्वेक्षण के बहाने भाजपा मुसलमानों को आतंकित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित व दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के ज़माने में आम रही है, फिर भी बीजेपी द्वारा ’तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इनके दमन व अतंकित करने का खेल अनवरत जारी है, जो अति-दुःखद व निन्दनीय।
बसपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी क्रम में अब यूपी में मदरसों पर भाजपा सरकार की टेढ़ी नजर है। मदरसा सर्वे के नाम पर कौम के चन्दे पर चलने वाले निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित जबकि सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों व सरकारी स्कूलों की बदतर हालत को सुधारने पर सरकार को ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह आदेश 31 अगस्त को दिया गया था। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने दावा किया था कि सरकार मदरसों का सर्वेक्षण इसलिए करा रही है ताकि छात्र छात्राओं को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने यह भी दावा किया था कि इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा।
मिल रही जानकारी के मुताबिक सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी। सवाल यह भी उठाया कि इस सर्वेक्षण के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके जवाब में योगी सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अभी हमारा मकसद सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं इकट्ठा करना है। आपको बता दें कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 16461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है।