By अभिनय आकाश | Jan 21, 2022
मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले गठबंधन से सत्ता वापस लेने की पुरजोर कोशिश में लगी है। हाल में उग्रवादी हमलों के बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित रहेगा। बीजेपी जो दो स्थानीय दलों एनपीपी और एनपीएफ के साथ हाथ मिलाकर सिर्फ 21 सीटों के बावजूद 2017 में सरकार बनाने में कामयाब रही थी। कांग्रेस को 28 सीटें मिली थीं। मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले गठबंधन से सत्ता वापस लेने की पुरजोर कोशिश में लगी है। हाल में उग्रवादी हमलों के बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रहेगा।
मणिपुर में कांग्रेस सरकार की प्रमुख उपलब्धियां
चुराचांदपुर, ढोलाताबी और दोउबल में सिंचाई परियोजनाओं की शुरुआत
आदिवासियों के कल्याण के लिए इंदिरा गाँधी नेशनल ट्राइबल युनिवर्सिटी की स्थापना
भारत में सबसे कम शिशु मृत्यु दर
जवाहर लाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की स्थापना
इंफाल एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानक में अपग्रेड किया गया
प्रतिभाओं उभारने के लिए राष्ट्रीय खेल अकादमी की स्थापना
कानून व्यवस्था में सुधार
अफस्पा को सात विधानसभा क्षेत्रों (राज्य की राजधानी इंफाल सहित) से तब हटा दिया गया था
बीजेपी सरकार की उपलब्धियां
राज्य सरकार ने पहाड़ियों और घाटियों के बीच बने पुल को हटाने के लिए 'गो-टू हिल्स' और 'गो-टू विलेज' पहल शुरू की है।
पूर्वोत्तर 11,000 करोड़ रुपये के ऑयल-पाम मिशन का केंद्र भी है। मणिपुर में काम जोर-शोर से चल रहा है। सरकार उद्योगों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है।
सरकार राज्य में एक आधुनिक खेल विश्वविद्यालय की स्थापना कर रही है। इससे वैश्विक खेल मंचों पर भारत की आकांक्षाओं को बल मिलेगा।
मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर तेजी से काम चल रहा है और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
प्राकृतिक गैस पाइपलाइन अब पूर्वोत्तर तक भी पहुंच रही है। इन सुविधाओं और कनेक्टिविटी से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार बढ़ेगा।