व्यक्ति, विचार और व्यवहार के प्रतीक थे मामाजी – सुरेश सोनी

By दिनेश शुक्ल | Nov 07, 2020

भोपाल। मामाजी ऐसे दूरदर्शी संपादक थे जिन्होंने अपने संपादकीय में पहले ही आपातकाल के बारे में सचेत कर दिया था। उन्होंने आपातकाल लगने से कुछ दिनों पहले ही लिख दिया था कि ऐसी काली रात आने वाली है जब संवैधानिक अधिकार छीन लिए जायेंगे और लोगों के मुंह बंद कर दिए जायेंगे। मामाजी की लेखनी में यह गहराई इसलिए क्योंकि उनका जीवन समाज के प्रवाह के साथ एकरूप था। यह बातें सुरेश सोनी जी ने पाञ्चजन्य द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘माणिक जैसे मामाजी’ के विमोचन के अवसर पर कही।

 

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, धार्मिक भावनाएं भड़काने का है आरोप

विश्व संवाद केंद्र मध्य प्रदेश द्वारा शनिवार को मानस भवन में पाञ्चजन्य द्वारा मध्य प्रदेश के मनस्वी पत्रकार स्व। माणिकचन्द्र वाजपेयी ‘मामाजी’ के जन्मशताब्दी वर्ष पर प्रकाशित विशेषांक ‘माणिक जैसे मामाजी’ का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कोरोना सम्बंधित गाइडलाइन्स का पालन करते हुए आयोजित किये गए इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह सुरेश जी सोनी मुख्य वक्ता एवं स्वदेश के पूर्व संपादक जयकिशन शर्मा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।

 

इसे भी पढ़ें: शिवराज जी उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ कर रहे - जीतू पटवारी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुरेश सोनी जी ने कहा कि सामान्य मनुष्य की इच्छा होती है कि उसकी कीर्ति हर तरफ फैले, उसके जाने के बाद भी लोग उसका यशगान करें। मामाजी जैसे समर्पित लोग कभी यश की अपेक्षा नहीं करते, वह अदृश्य रहकर अपना कार्य करते रहते हैं। मामाजी के रहते उन्होंने ऐसा कभी विचार नहीं किया कि वह असाधारण व्यक्ति हैं। उन्होंने तो बस जो हमारी सनातन परंपरा के मूल्य हैं, उन्हें अपने जीवन में उतारा और जो उनके पास आया उनसे प्रभावित होता गया। वैसे तो किसी व्यक्ति का नाम एक संज्ञा होती है लेकिन उसके प्रभाव से वह विशेषण में बदल जाती है। जैसे भीष्म एक नाम है लेकिन उनकी प्रतिज्ञा ऐसी बलवान थी  कि आज भीष्म एक विशेषण बन गया है, कोई कहता है कि भीष्म प्रतिज्ञा की है। वैसे ही आज माणिकचन्द्र वाजपेयी यह नाम एक विशेषण बन गया है। जैसे कोई कहता है राष्ट्र समर्पित जीवन तो मामाजी जैसा जीवन।

 

इसे भी पढ़ें: उज्जैन में एसिड अटैक की शिकार महिला की मौत, पुलिस हत्या का मामला भी करेगी दर्ज

स्वदेश के पूर्व संपादक जयकिशन शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा मानना है मामाजी का जन्म, उनका पत्रकारिता में आना यह सब पूर्व निर्धारित था। इसका निर्धारण सृष्टि ने किया था, मामाजी एक वृहद् लक्ष्य की पूर्ति के लिए आये थे। उन्होंने बताया कि मामाजी का जीवन अत्यंत सामान्य था और वह स्वदेश के प्रधान संपादक होते हुए भी साइकिल से घूमते और साधारण वेषभूषा में रहते थे। अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार एक चौकीदार ने उनके कपडे देखकर उन्हें कार्यालय के अन्दर जाने से रोक दिया था, लेकिन मामाजी मुस्कुराते रहे। यह उनकी सरलता थी।

एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार एक बड़े नेता की कुछ अश्लील तस्वीरें लीक हो गईं। उन तस्वीरों के कारण उसे इस्तीफा देना पड़ा, तस्वीर की कुछ प्रतियाँ स्वदेश के एक रिपोर्टर को प्राप्त हुईं। इस तस्वीर के छपने से अखबार की चर्चा भी होती और नाम भी लेकिन मामाजी ने उन तस्वीरों को छापने से साफ़ मन कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा अखबार परिवारों में भी पढ़ा जाता है, हम इन तरीकों से अपना प्रचार नहीं चाहते।

प्रमुख खबरें

Manipur में फिर भड़की हिंसा, कटघरे में बीरेन सिंह सरकार, NPP ने कर दिया समर्थन वापस लेने का ऐलान

महाराष्ट्र में हॉट हुई Sangamner सीट, लोकसभा चुनाव में हारे भाजपा के Sujay Vikhe Patil ने कांग्रेस के सामने ठोंकी ताल

Maharashtra के गढ़चिरौली में Priyanka Gandhi ने महायुति गठबंधन पर साधा निशाना

सच्चाई सामने आ रही, गोधरा कांड पर बनी फिल्म The Sabarmati Report की PMModi ने की तारीफ