By अभिनय आकाश | Dec 12, 2024
अमेरिका के नए चुने गए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बेबाक बयानों और फैसलों के लिए जाने जाते हैं। वो आए दिन ऐसी घोषणाएं करते रहते हैं कि जिसे लगता है कि उनके शपथ लेने के बाद वाशिंगटन की नीतियों के साथ ही विदेश नीति में भी एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने जस्टिन ट्रूडो से कहा है कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बन जाना चाहिए। अमेरिका में फिलहाल 50 राज्य हैं। डोनाल्ड ट्रंप के इस प्रस्ताव ने कनाडा की जमीन हिला दी है। पूरा भारत भी ये खबर सुनकर हैरान है। दुनियाभर के लोग पहले तो इस खबर को झूठ मान रहे थे। लेकिन फिर डोनाल्ड ट्रंप ने खुद ही इस खबर पर मुहर लगा दी। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ एप पर एक तस्वीर डालकर खबर की पुष्टि की है। तस्वीर देखकर ऐसा लग रहा है कि ट्रंप अमेरिका में खड़े होकर कनाडा को देख रहे हैं। ताकी कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाया जा सके। इस तस्वीर में ये भी दिखाया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के झंडे को अपने कब्जे में ले लिया है। तस्वीर पोस्ट करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा है ओह कनाडा! हैरानी की बात देखिए कि कनाडा का राष्ट्रगान भी ओह कनाडा से ही शुरू होता है। आज आपको बताते हैं कि ट्रंप ने जस्टिन ट्रूडो को डांटते हुए ऐसा क्यों कहा है कि वो कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बना लेंगे। इसके साथ ही आपको बताएंगे कि कनाडा और अमेरिका के बीच कितना व्यापार होता है? ट्रंप की इतनी बेइज्जती करने के बाद भी कनाडा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई? इसके साथ ही आपको बताते हैं कि ट्रंप के इस तरह के तेवर का क्या भारत पर भी कोई निगेटिव इंपैक्ट पड़ सकता है?
ट्रंप ने ट्रूडो को दिया गवर्नर बनने का ऑफर
डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि वो जिस दिन शपथ लेंगे उसी दिन कनाडा से अमेरिका आने वाले समानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे। अगर टैरिफ 25 प्रतिशत बढ़ता है तो अमेरिका में मिलने वाला कनाडा का सामान महंगा हो जाएगा। अमेरिका का कोई भी आदमी कनाडा का सामान नहीं खरीदेगा और इसका सीधा असर ओटावा की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। अमेरिका के इस ऐलान से घबराकर जस्टिन ट्रूडो रातों रात ट्रंप से मिलने अमेरिका पहुंच गए। जस्टिन ट्रूडो ने डोनाल्ड ट्रंप से टैरिफ न बढ़ाने के लिए भीख मांगी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप को गुस्सा आ गया। ट्रंप ने भड़कते हुए ट्रूडो से कहा कि यदि आपको हमारे फैसले से दिक्कत हो रही है तो आप कनाडा के बॉर्डर को खत्न करिए और खुद अमेरिका का हिस्सा बन जाइए। ट्रंप के टैरिफ लगाने की बात पर ट्रूडो ने कहा कि आप टैरिफ नहीं लगा सकते क्योंकि इससे कनाडा की अर्थव्यवस्था खत्म हो जाएगी। फॉक्स न्यूज के अनुसार, ट्रंप ने जवाब दिया, तो आपका देश तब तक जीवित नहीं रह सकता जब तक कि वह अमेरिका को 100 बिलियन डॉलर का चूना न लगा दे? ट्रंप ने जस्टिन ट्रूडो को दो टूक कहा कि अमेरिका के साथ 100 बिलियन का व्यापार घाटा है। इसे खत्म करना ही होगा, वरना हम कड़े फैसले लेने के लिए मजबूर होंगे। कनाडा चाहे तो अमेरिका का 51वां राज्य बन सकता है। हम जस्टिन ट्रूडो को उसका गवर्नर बना देंगे। इस पर ट्रूडो ने कहा कि नहीं नहीं प्रधानमंत्री का पद बेहतर है। लेकिन ट्रंप की इस टिप्पणी पर जस्टिन ट्रूडो को सांप सूंघ गया।
क्या कनाडा 51 वां राज्य बनने पर विचार कर सकता है?
कनाडा, 1867 से एक स्वतंत्र राष्ट्र है और उसकी राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान अमेरिका से अलग है। दोनों देशों के राजनीतिक ढांचे अलग-अलग हैं। कनाडाई संविधान और ब्रिटिश राजशाही के प्रति निष्ठा कनाडा को एक विशिष्ट पहचान देती है। कनाडाई जनता और राजनेताओं ने हमेशा अपनी स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी है। जनता के लिए यह प्रस्ताव मंजूर नहीं है, क्योंकि यह उनकी संप्रभुता और स्वतंत्रता के खिलाफ है।
व्यापार घाटे को अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कमजोरी के रूप में देखते हैं ट्रंप
पिछले कुछ दशकों में संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके पड़ोसियों के बीच व्यापार घाटा निस्संदेह बढ़ा है। कनाडा के साथ, संबंध ऐतिहासिक रूप से अपेक्षाकृत संतुलित रहे हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों में बदलाव देखा गया है। मुख्य रूप से कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस जैसे ऊर्जा आयात की बढ़ती लागत और मात्रा के कारण। दूसरी ओर, मेक्सिको ने हाल के वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने व्यापार अधिशेष में विस्तार देखा है, जो ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रतिस्पर्धी उद्योगों के बढ़ते आयात से प्रेरित है। ट्रम्प व्यापार घाटे को अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कमजोरी के रूप में देखते हैं जिसे एड्रैस करने की आवश्यकता है। व्यापार प्रतिबंध लगाकर उनका लक्ष्य घरेलू अर्थव्यवस्था की रक्षा करना और विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है। लेकिन अमेरिकी निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता देने और आयात शुल्क लगाने के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। मुद्रास्फीति में अपेक्षित वृद्धि और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के अलावा, टैरिफ 2020 से संयुक्त राज्य अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (यूएसएमसीए) द्वारा बढ़ावा दिए गए आर्थिक एकीकरण को भी बाधित कर सकते हैं।
कनाडा और अमेरिका के बीच का ट्रेड
कनाडा दुनिया में सबसे ज्यादा व्यापार पर आश्रित देश है। कनाडा का 75 फिसदी निर्यात अमेरिका को होता है। डोनाल्ड ट्रंप जब पहली बार राष्ट्रपति बने थे तो उस दौरान उन्होंने मेक्सिको,अमेरिका और कनाडा नॉर्थ अमेरिकन ट्रेड एग्रीमेंट (नाफ्टा) के तहत पहले से होते आए व्यापार पर फिस से बातचीत करने के लिए कदम उठाए थे। उस वक्त वो ऑटो सेक्टर पर 25 फीसदी टैरिफ को लेकर भी विचार कर रहे थे। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में हर दिन दोनों देशों के बीच लगभग 3.6 बिलियन कनाडाई डॉलर (2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) मूल्य की चीजों और सेवाओं का व्यापार हुआ था।
अमेरिका से व्यापार करने वाला कनाडा तीसरा सबसे बड़ा देश
अमेरिका और कनाडा के बीच कुल 65 लाख करोड़ का व्यापार होता है।
अमेरिका से कनाडा को 29.6 लाख करोड़ का निर्यात
अमेरिका से कनाडा को 35.4 लाख करोड़ का आयात
व्यापार से अमेरिका को 5.8 लाख करोड़ का नुकसान
इतनी बेइज्जती के बाद भी खुलकर बोलने से बच रहा कनाडा
ट्रंप की ओर से कभी टैरिफ लगाने की धमकी तो कभी ट्रूडो को गवर्नर तक बता देने के बावजूद कनाडा की तरफ से कुछ खास प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। बल्कि पूरे मामले पर ट्रूडो सरकार ने चुप्पी साध रखी है। कनाडा पहले से ही आर्थिक बदहाली झेल रहा है। वैसे ही ट्रंप के मूड का कुछ पता नहीं और अगर टैरिफ बढ़ जाती है तो पैसे की किल्लत और ज्यादा बड़ जाएगी। कनाडा 75 प्रतिशत निर्यात तो अमेरिका को ही करता है। 25 प्रतिशत की टैरिफ लगने से उसका लगभग खाली हो चुका खजाना और बिल्कुल ही साफ हो जाएगी। कनाडा में चुनाव भी होने हैं। इसके लिए भी पैसा चाहिए। वैसे भी ट्रूडो के इस चुनाव में जीतने की संभावना न के बराबर है। इसलिए भी सारे अपमान का घूंठ पीकर ट्रूडो ने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा।
कमला बहाना ट्रंप निशाना?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आपसी रिश्तों में तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। एक सोशल पोस्ट में ट्रंप ने ट्रूडो को निशाना बनाते हुए कनाडा का गवर्नर बताया। अब ट्रू़डो की तरफ से कमला हैरिस का नाम लेकर इशारों इशारों में ट्रंप पर निशाना साधा है। वॉयस फाउंडेशन के कार्यक्रम में बोलते हुए जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस की हार को महिलाओं की प्रगति पर हमला बताया। उन्होंने कहा- ऐसा नहीं होना चाहिए। हमें तरक्की की तरफ लगातार आगे बढ़ाना चाहिए।
ट्रंप के कदमों के कारण भारत की विकास दर में आ सकती गिरावट
ट्रंप ने भारत को आयात कर का राजा बताया है और मेक्सिको व कनाडा पर 25% टैरिफ लगाने की बात कही है। याद करें, ट्रंप के पिछले दौर में भारत के कई सामान को जनरल सिस्टम ऑफ प्रिफरेंसेस से हटा लिया गया था। इसके तहत, बिना आयात कर दिए अमेरिका में प्रवेश की छूट थी। नए कार्यकाल में ट्रंप सभी देशों पर इंपोर्ट टैक्स बढ़ाएंगे, ताकि अमेरिका में घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन मिले। आईटी, दवा, कपड़े और जूते जैसे निर्यात प्रभावित होंगे। H1B वीजा में कटौती से भारतीय नागरिकों के लिए अमेरिका में काम करना कठिन हो जाएगा। उनके द्वारा भारत को रेमिटेंस कम भेजी जाएगी। ट्रंप द्वारा अमेरिकी कंपनियों को अमेरिका में ही उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके कारण विश्व की पूंजी का अमेरिका की तरफ पलायन होगा। इन तथ्यों को देखते हुए यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड ने अनुमान लगाया है कि ट्रंप के कदमों के कारण भारत की विकास दर में 0.5% की गिरावट आ सकती है।
भारत के लिए चुनौतियों के साथ ही अवसर भी
फोकस करने की यह पॉलिसी अगर सही होती, तो सारे देश ऐसा करके अपनी जनता का हित कर सकते थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कमोबेश सभी मुल्कों ने विदेश व्यापार को स्वीकार किया है। ट्रंप के कदमों का अमेरिका पर जो भी प्रभाव पड़े, लेकिन भारत समेत दूसरे देशों पर नकारात्मक असर होगा। इन समस्याओं के बावजूद ट्रंप भारत के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं। जैसे बरगद के पेड़ के नीचे छोटे पौधे नहीं पनपते, उसी प्रकार अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बादल के नीचे भारत जैसे दूसरे देश पनप नहीं रहे हैं।
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