By नीरज कुमार दुबे | Jul 25, 2024
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की ओर से राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर लगाये गये गंभीर आरोप के चलते राज्य की राजनीति गर्मा गयी है। हम आपको याद दिला दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता अनिल देशमुख ने अप्रैल, 2021 में राज्य के गृहमंत्री के पद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उन पर आरोप लगाया था कि वह पुलिस को शहर के होटल और बार मालिकों से वसूली करने को कहते हैं। अनिल देशमुख गृह मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद लंबे समय तक जेल में भी रहे थे और जेल से बाहर आने के बाद वह राजनीतिक रूप से किसी बड़े पद पर नहीं हैं।
अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले सुर्खियां हासिल करने के लिए अनिल देशमुख ने आरोप लगाया है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के एक ‘बिचौलिये’ ने उन्हें मुकदमेबाजी में फंसने से बचने के लिए (तत्कालीन) महा विकास आघाडी सरकार के बड़े नेताओं के खिलाफ हलफनामा देने को कहा था। अनिल देशमुख ने कहा है कि तब विपक्ष में रहे फडणवीस द्वारा कथित रूप से भेजे गये एक व्यक्ति ने उनसे भेंट की थी और उसके पास तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे, तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार और तत्कालीन परिवहन मंत्री अनिल परब को फंसाने वाले कई हलफनामे थे। पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने मीडिया चैनलों से बातचीत में दावा किया कि उस व्यक्ति ने उनसे कहा कि उन्हें खुद को भावी मुकदमेबाजी से बचाने के लिए इन हलफनामों पर दस्तखत कर देना चाहिए लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था।
दूसरी ओर, इन आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''अनिल देशमुख को पता होना चाहिए कि उनकी ही पार्टी के नेताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार या विवादास्पद पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के विरुद्ध उनकी टिप्पणियों वाले कई दृश्य-श्रव्य सबूतों के साथ मुझसे मुलाकात की है।'' उन्होंने कहा कि यदि मुझ पर झूठे आरोप लगाये जाते हैं तो मेरे पास इस सबूत को सार्वजनिक करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होगा।’’ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने साथ ही यह भी कहा कि अनिल देशमुख उस मामले में बरी नहीं हुए हैं जिसमें उन पर पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रुपये जुटाने का निर्देश देने का आरोप है, वह बस जमानत पर बाहर हैं।
इस बीच, फडणवीस के समर्थन में उतरते हुए महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि जिस दिन देवेंद्र फणडवीस ने उन (अनिल देशमुख) पर दबाव बनाया उसी दिन उन्होंने FIR दर्ज क्यों नहीं करवाई? उन्होंने कहा कि वे तत्कालीन गृह मंत्री थे। क्या गृह मंत्री पर इस तरह का दबाव बनाया जा सकता है? उन्होंने कहा कि ये महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है, झूठी बातें कही जा रही हैं। जनता को गुमराह करने के लिए एक और कहानी तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख जैसे वरिष्ठ नेता को इस तरह की राजनीति में नहीं जाना चाहिए।
दूसरी ओर, अनिल देशमुख के बयान पर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, "एक षडयंत्र का हिस्सा बनाकर अनिल देशमुख को जेल भेजा गया था। जेल भेजने से पहले उन पर दबाव बनाया गया था कि जो हम कहेंगे वो करो। किसी मामले में उद्धव ठाकरे, शरद पवार का नाम लो नहीं तो आप पर ED की कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा इस प्रकार की हरकत कर सकती है। संजय राउत ने कहा कि ऐसे बहुत से विधायक, सांसद और मंत्री हैं जो आज भाजपा के साथ हैं जिन पर इसी प्रकार का दबाव बनाया गया था। अनिल देशमुख की बात में दम है।"
वहीं शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "आज जो अनिल देशमुख कह रहे हैं वो गंभीर है। उन्होंने कहा कि यह इस बात का खुलासा करता है कि देवेन्द्र फडणवीस के खाने वाले दांत अलग है और दिखाने वाले दांत अलग हैं। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि वे (देवेन्द्र फडणवीस) केवल अपने हित की बातें करते हैं। चतुर्वेदी ने कहा कि किस स्तर पर भाजपा गिर सकती है सत्ता में आने के लिए यह साफ प्रदर्शित हो गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें (भाजपा) महाराष्ट्र से प्रेम नहीं है, महाराष्ट्र की जनता से प्रेम नहीं है, ये लोग किस निम्न स्तर की राजनीति करते हैं, उस पर जांच होनी चाहिए।