Maharashtra Election | मनोज जारंगे महाराष्ट्र चुनाव नहीं लड़ेंगे, उम्मीदवारों से नामांकन वापस लेने की अपील की, क्या है इस फैसले के पीछे की वजह? BJP को फायदा?

By रेनू तिवारी | Nov 04, 2024

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पहले चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा की थी। अब वह पीछे हट गये हैं। उन्होंने  घोषणा की है कि वह इस महीने होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और उन्होंने अपने उम्मीदवारों से नामांकन वापस लेने को कहा है। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने रविवार को मराठा-प्रधान निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारने पर यू-टर्न लेते हुए कहा कि उनके समर्थक 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से अपना नाम वापस ले लेंगे। 

 

इसे भी पढ़ें: दर्शकों को पसंद आई Bhool Bhulaiyaa 3, सिद्धिविनायक मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंचे Kartik Aaryan


मनोज जरांगे महाराष्ट्र चुनाव नहीं लड़ेंगे

नाम वापस लेने की घोषणा के बाद उन्होंने कहा कि आरक्षण के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। यह घटनाक्रम मराठा नेताओं द्वारा कल रात 3.30 बजे तक बैठक करने के बाद सामने आया है। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 4 नवंबर है। परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने उम्मीदवारों से चुनाव से बाहर होने की अपील की। उन्होंने कहा, "हम केवल मराठा मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ सकते।" गौरतलब है कि महाराष्ट्र चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख है।

 

 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: Trump और Harris में कांटे की टक्कर, अमेरिकी इतिहास का सबसे करीबी मुकाबला होगा इस बार का राष्ट्रपति चुनाव


यह बदलाव जरांगे के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मराठा समुदाय को आरक्षण देने से इनकार करने के लिए सत्तारूढ़ महायुति से बदला लेंगे। जरांगे प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो पड़े और उन्होंने महायुति पर मराठा समुदाय को "अपमानित" करने और "धोखा" देने का आरोप लगाया। 


जरांगे का राजनीतिक प्रवेश

6 अगस्त को, जरांगे ने कहा था कि मराठा समुदाय के पास राजनीति में प्रवेश करने और मराठा आरक्षण पाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने तब विश्वास जताया था कि वे राज्य में सत्ता में आएंगे। राजनीति में प्रवेश करने की किसी भी इच्छा से इनकार करते हुए उन्होंने कहा था कि मराठा आरक्षण हासिल करने की आवश्यकता के कारण उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जरांगे ने कहा, "अगर हम मराठा समुदाय के लिए आरक्षण चाहते हैं तो हमारे पास राजनीति में प्रवेश करने और सत्ता में आने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।"


फरवरी में, महाराष्ट्र विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया, जिसमें राज्य की आबादी में 30 प्रतिशत से अधिक मराठाओं को एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया। हालांकि, जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय के सदस्यों ने प्रभावशाली जाति को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने पर जोर दिया। पिछले साल अगस्त से कार्यकर्ता मराठा आरक्षण के समर्थन में कई दौर की भूख हड़ताल कर चुके हैं। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव होंगे। मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।

 

इसे भी पढ़ें: Uttarakhand Bus Falls Gorge | उत्तराखंड के अल्मोड़ा में 40 लोगों को ले जा रही बस खाई में गिरी, अभी 22 शवों को निकाला गया, अन्य की तलाश जारी

 

भाजपा को होगा फायदा?

यह घटनाक्रम भाजपा के लिए राहत की बात है क्योंकि जरांगे का आंदोलन और प्रभावशाली मराठा समुदाय का गुस्सा मराठवाड़ा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में उसकी हार का एक प्रमुख कारण था। इस कदम से विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को भी फायदा होगा क्योंकि इससे भाजपा विरोधी वोटों का विभाजन रुकेगा। राज्य की कुल आबादी में मराठों की हिस्सेदारी 30-33% है। लोकसभा चुनाव के बाद महायुति के कई वरिष्ठ नेताओं ने जरांगे से मुलाकात कर उनका विरोध खत्म करने को कहा, लेकिन कार्यकर्ता ने अपना विरोध वापस नहीं लिया।

 

प्रमुख खबरें

विराट कोहली के समर्थन में उतरे केविल पीटरसन, कहा- उसके बिना गेम बोरिंग लगेगा

Bollywood Wrap Up | टीवी एक्ट्रेस Srishty Rode अस्पताल में हुईं भर्ती, हसीना को ऑक्सीजन सपोर्ट पर देख चौंके फैंस

Manmohan Singh Networth| अपने पीछे इतनी संपत्ति छोड़ गए हैं मनमोहन सिंह, देखें यहां

Ranbir Kapoor और Deepika Padukone की Yeh Jawaani Hai Deewani इस तारीख को सिनेमाघरों में फिर से होगी रिलीज