By अनन्या मिश्रा | Sep 22, 2023
हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत शुरू होता है। धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित 16 दिन धन, वैभव, खुशहाली, उन्नति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। बता दें कि महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि से आश्विन माह की अष्टमी तिथि तक होता है। माता लक्ष्मी की 16 दिनों तक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं मां लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति की झोली खुशियों से भर जाती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
कब है महालक्ष्मी व्रत 2023
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि की शुरूआत 22 सिंतबर को दोपहर 01:35 मिनट से हो रही है। वहीं यह तिथि 23 सितंबर 2023 को दोपहर 12:17 मिनट तक मान्य है। 22 सितंबर से महालक्ष्मी व्रत शुरू हो रहा है। वहीं 6 अक्टूबर को महालक्ष्मी व्रत का समापन होगा। इस साल महालक्ष्मी का व्रत 15 दिनों का है।
महालक्ष्मी स्तोत्र पाठ के लाभ
महालक्ष्मी व्रत के अलावा व्यक्ति को रोजाना महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में कभी निराशा और दरिद्रता आदि नहीं आती है। महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करने से धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य व समृद्धि आती है। मान्यता के अनुसार, जो भी व्यक्ति दिन में एक बार महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करता है, उसे सभी पापों से छुटकारा मिलता है। वहीं दिन में दो बार महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और राजयोग मिलता है।
मां लक्ष्मी के मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नमः
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।
महालक्ष्मी व्रत का महत्व
महालक्ष्मी का व्रत धन-दौलत और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है। महालक्ष्मी व्रत के 15 दिनों में मां लक्ष्मी के प्रिय फूल व भोग अर्पित किया जाता है। जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा से महालक्ष्मी का व्रत करता है, उसे धन, दौलत, मान, सम्मान आदि प्राप्त होता है। आर्थिक संकट, कंगाली और आर्थिक हानि से उबरने के लिए महालक्ष्मी व्रत करना चाहिए।