By दिनेश शुक्ल | Jun 12, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश के गृह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भारत सरकार के समक्ष निर्माण कार्यों से संबद्ध क्षेत्रों में जी.एस.टी. कम करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में जी.एस.टी. कम होने से प्रदेश में अधिक लोगों को निर्माण कार्यों में रोजगार मुहैया हो सकेगा। साथ ही रोजगार के नये अवसर भी सृजित हो सकेंगे। मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा उन्होंने 40 वीं जी.एस.टी. काउंसिल की मीटिंग में प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से जीएसटी दरों को कम करने की मांग की।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संकट की इस घड़ी में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज देने और प्रदेश को जीएसटी की 1386 करोड रुपए की राशि प्रदान करने पर आभार व्यक्त किया। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि केंद्र से मिलने वाली जी.एस.टी. राशि से प्रदेश में कोरोना संकट काल में व्यवस्थाएँ दुरस्त करने में आवश्यक मदद मिली है। उन्होंने श्रीमती सीतारमण से क्षतिपूर्ति फंड में भी ऋण की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। मंत्री डॉ मिश्रा ने केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले ऋण में लगाई जाने वाली शर्तों को शिथिल कर राहत प्रदान करने की मांग की।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में निर्माण कार्य से संबद्ध क्षेत्रों में लगने वाली 12 प्रतिशत की जी.एस.टी. राशि को कम कर 9 प्रतिशत करने की पहल की। डॉ. मिश्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री को अवगत कराया कि उन्होंने रोजगार संवर्धन के लिए उद्योगपतियों से चर्चा की थी। उद्योग पतियों के द्वारा बताया गया कि यदि जीएसटी की दरें कम हो जाएगी तो वे अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर पैदा कर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दे सकेंगे। मंत्री डॉ. मिश्रा ने चिकित्सीय उपकरणों पर लगने वाली जीएसटी की राशि में राहत प्रदान करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में राहत मिलने पर इलाज की बेहतर व्यवस्था न केवल उपलब्ध कराई जा सकेगी बल्कि उपचार के खर्च में भी कमी आएगी। इससे मरीजों को सुलभ तरीके से उपचार उपलब्ध कराने में आवश्यक मदद मिलेगी। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मनरेगा के साथ अन्य निर्माण कार्यों में बड़ी संख्या में न केवल प्रदेश के, बल्कि अन्य प्रदेशों के श्रमिकों को भी रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने अल्प अवधि में सभी श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीयन कर रोजगार सेतु के माध्यम से श्रमिकों और नियोक्ताओं को आपस में जोड़ा है। इसके सफल परिणाम भी मिलने लगे हैं।