याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इससे पहले इंदरगढ, दतिया तथा डबरा में नगर पालिका अध्यक्ष एवं नगर परिषद अध्यक्ष के आरक्षण में नियमों का पालन नहीं होने पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाई जा चुकी है। याचिकाकर्ता का कहना था कि इस मामले में आरक्षण में रोटेशन का पालन नहीं किया गया है। इसलिए शासन द्वारा किए गए आरक्षण को निरस्त कर नियमानुसार आरक्षण किए जाने के निर्देश शासन को दिए जाये। अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा न्यायालय को बताया गया कि अभी तक किसी भी नगर पालिका या नगर निगम के चुनाव की घोषणा नहीं की गई है। न्यायालय ने पाया कि शासन द्वारा आरक्षण की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है इससे वे लोग प्रभावित होंगे जिन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए था, लिहाजा आरक्षण पर रोक लगा दी गई है।