उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा पर गोडसे समर्थक होने के झूठे आरोप लगाती रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी तो यथार्थ में गोडसे समर्थक है। गोडसे समर्थक एक नेता को कांग्रेस में बनाए रखने के मोह में पार्टी के नेतृत्व ने एक निष्ठावान नेता को बाहर का रास्ता दिखा दिया। चतुर्वेदी ने कहा कि गांधी जी के नाम का ढोल पीटने वाली कांग्रेस ने अपने इस निर्णय से एक बार फिर बापू और उनकी शहादत का अपमान किया है। ऐसे में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को देश की जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि कांग्रेस वास्तव में गांधी जी के मूल्यों का अनुसरण करती है या गोडसे के रास्ते पर चलने लगी है?