छत्तीसगढ़ में चुनाव ड्यूटी पर तैनात अर्धसैनिक बलों के सामान और वाहनों की जांच की जाए: मुख्यमंत्री बघेल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 02, 2023

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि चुनाव आयोग को छत्तीसगढ़ में चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किए जा रहे अर्धसैनिक बलों के सामान और वाहनों की जांच करनी चाहिए। बघेल ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उनके माध्यम से नकदी और अन्य वस्तुओं को पहुंचा सकती है। यहां पुलिस लाइन में हेलीपैड पर संवाददाताओं से बात करते हुए, बघेल ने कहा कि भाजपा सत्ता हासिल करने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है। उन्होंने कहा, ईडी के वरिष्ठ अधिकारी छत्तीसगढ़ का दौरा करते रहे हैं लेकिन सरकारी अधिकारियों के वाहनों की जांच नहीं की जाती है। आम यात्रियों की जांच की जा रही है। हेलीकॉप्टर और वाहनों (कारों) से यात्रा करते समय हमारी जांच की जाती है।” मुख्यमंत्री ने दावा किया, “ सीआरपीएफ का एक विमान बड़े बक्से लेकर आया लेकिन उसकी जांच नहीं की गई।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अपनी जांच के लिए आ सकता है, लेकिन मैं चुनाव आयोग से कहना चाहता हूं कि केंद्रीय जांच एजेंसी के वाहनों की जांच की जानी चाहिए। बघेल ने कहा, भाजपा ने (चुनावों में) अपनी हार स्वीकार कर ली है और यह उनका आखिरी दांव है कि वे बक्सों में पैसा ला रहे हैं जिसका इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जाएगा। इसलिए सभी वाहनों की जांच की जानी चाहिए, खासकर ईडी और सीआरपीएफ के वाहनों की। मुख्यमंत्री ने कहा, जब राज्य में पहले से ही सीआरपीएफ तैनात है तो बाहर से अतिरिक्त बल तैनात करने की जरूरत क्यों है? इसका मतलब है कि जो बक्से लाए जा रहे हैं उनमें नोट (नकदी) या अन्य सामान भी हो सकते हैं, इसलिए इनकी जांच की जानी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव में अर्धसैनिक बल का दुरुपयोग हो सकता है, बघेल ने कहा, यह बिल्कुल संभव है। सत्ता हासिल करने के लिए वे किसी भी स्तर तक जा सकते हैं.. यह बहुत गंभीर मुद्दा है और चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए।

हमारी पार्टी की ओर से शिकायत दर्ज करायी जायेगी।” उन्होंने कहा, ‘‘सीआरपीएफ के जवान कल विशेष विमान से यहां पहुंचे। सरकारी ड्यूटी पर होने के कारण हवाई अड्डा प्राधिकरण ने उनके वाहनों की जांच नहीं की। जब हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और सबकी जांच हो रही है तो फिर उनकी जांच क्यों नहीं हो रही है? वे जहां भी जा रहे हैं, उनके वाहनों की जांच की जानी चाहिए। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। माओवाद प्रभावित बस्तर संभाग के सात जिलों तथा राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कबीरधाम और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों की 20 सीटों में पहले चरण में मतदान होगा जबकि शेष 70 सीटों पर दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे। चुनाव को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए नक्सल प्रभावित और अन्य इलाकों में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।

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