By अनुराग गुप्ता | Nov 12, 2021
नयी दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान को समाप्त करने के लिए पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी लगातार प्रदेश के नेताओं से मुलाकात कर रही हैं। कांग्रेस अध्यक्षा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और फिर शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और कद्दावर नेता सचिन पायलट से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच में करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई।
जल्द फेरबदल की संभावना
राजस्थान में जल्द ही गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियां होने वाली हैं। इसी बीच सोनिया गांधी के साथ हुई सचिन पायलट की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। क्योंकि सोनिया गांधी ने राजस्थान के विवाद को सुलझाने के फॉर्मूला भी तैयार कर लिया है।
इस मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में 2 साल से भी कम समय बचा है, हम इसके लिए संगठन को मजबूत करना चाहते हैं। 2023 में फिर से सरकार बनाना जरूरी है। पार्टी अनुभव, साख, क्षेत्रीय संतुलन, जाति संयोजन को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी।
अजय माकन लेंगे निर्णय
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि यह बहुत अच्छा है कि सोनिया गांधी जी लगातार प्रतिक्रिया मांग रही हैं कि क्या किया जाना चाहिए। हमें इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि राजस्थान में फिर से कैसे चुना जाए। सही समय पर एआईसीसी के महासचिव अजय माकन राजस्थान के संबंध में उचित निर्णय लेंगे।
गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले राजस्थान के मुद्दे पर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच लंबी बातचीत हुई थी। इस दौरान फेरबदल की सभी संभावनाओं को तलाशा गया। अजय माकन के पास फेरबदल की सारी जानकारी है और जल्द ही फेरबदल हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनिया गांधी ने सुलह का फॉर्मूला भी तलाश लिया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पायलट और गहलोत खेमे की नाराजगी को दूर करना चाहती है। ऐसे में पायलट खेमे को 4 और गहलोत के सहयोगियों को 5 मंत्रिपद मिलने की संभावना है।