By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 23, 2024
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद से उत्तर प्रदेश बीजेपी में बेचैनी बढ़ी हुई है। पार्टी नेताओं का मानना है कि उनकी बातों को अनसुना किया जा रहा है और अधिकारियों की मनमानी अपने चरम पर है। हर बैठक में यही सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाता है। बीजेपी नेताओं की शिकायतों पर एक महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश जारी किए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अपना फोन न उठाने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पार्टी के सांसदों और विधायकों ने भी आरोप लगाया था कि अधिकारी उनके फोन नहीं उठाते हैं।
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी और आजमगढ़ के दौरे पर थे। सावन के पहले सोमवार को उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा की। उससे पहले उन्होंने आजमगढ़ का दौरा किया, जहां उन्होंने सबसे पहले जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और फिर अधिकारियों के साथ मीटिंग की। बैठक में इलाके के सभी विधायक, एमएलसी और मंत्रियों को बुलाया गया था। कमिश्नर, आईजी से लेकर इलाके के सभी डीएम और एसपी भी बैठक में मौजूद थे। इसी मीटिंग में एक बीजेपी नेता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने ही अफसरशाही की पोल खोल दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विधायकों से सुझाव मांगे। विधान परिषद के सदस्य रामसूरत राजभर ने कहा कि अधिकारी अपना सरकारी मोबाइल नंबर ही नहीं उठाते। इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि यहां जो अफसर बैठे हैं, उनमें से कौन ऐसा करता है। राजभर ने कहा कि अफसरों को छोड़िए, अब तो छोटे वाले सरकारी बाबू तक ऐसा करने लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है। कुछ अन्य विधायकों ने भी ऐसी ही शिकायतें कीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर सबूत हों तो उन्हें जरूर प्रस्तुत करें। इन दिनों मुख्यमंत्री लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, चाहे वह लखनऊ में हों या लखनऊ के बाहर। जब भी मौका मिलता है, वे जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हैं। मुख्यमंत्री पर उनकी ही पार्टी के लोग आरोप लगाते रहे हैं कि वे बहुत कम लोगों से मिलते हैं, लेकिन इन दिनों योगी आदित्यनाथ लगातार पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।