नयी दिल्ली। सरकार की ओर से बैंकों में नई पूंजी डालने और उनकी मजबूती के लिये किये गये उपायों की मुख्य बातें इस प्रकार हैं।
- सरकार बैंकों को इस वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी मिली। नागरिक सुविधा, छोटी इकाइयों की कर्ज की जरूरतों पर जोर।
- बड़े कर्जदारों पर नकेल, बैंकों को मदद के साथ सुधार की सख्त हिदायत।
- सुधारों से बैंकों के कर्ज कारोबार में होगा 5 लाख करोड़ रुपये का इजाफा।
- 250 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज और वसूली पर कड़ी निगरानी, बड़े कर्जदारों और सरकारी बैंकों पर कसी नकेल। प्रबंधकों की जवाबदेही बढ़ी।
- संयुक्त ऋणदाता फोरम (जेएलएफ) में बैंकों की संख्या घटी, जिम्मेदारी बढ़ी।
- कर्ज वसूली के लिये बैंकों को बनानी होगी समर्पित टीमें।
- बैंक जाने की जरूरत होगी कम, घर से ही सब काम, लेनदेन करने की सुविधा पर होगा जोर।
- देशभर में 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सुविधा - मोबाइल एप के माध्यम से बैंक ढूंढिये, संपर्क कीजिये।
- मोबाइल एप से - ग्रामीण, दूर- दराज के इलाकों में बढ़ी सुविधा।
- 12 रुपये और 330 रुपये से घर बैठे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जन-धन और प्राथमिक जमा खाताधारकों को दो लाख रुपये बीमा को लेकर अभियान।
- जीएसटी पंजीकृत लधु उद्योगों को सरकारी बैंक से कर्ज एवं ब्याज दर में प्राथमिकता।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर जोर, प्रबंधन को सशक्त, पेशेवर और जवाबदेह बनाने पर जोर। बैंकों के मामले में स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सर्वेक्षण और रिपोर्ट कार्ड का प्रकाशन।