By Kusum | Jan 09, 2024
भारतीय दिवगंत पर्वतारोही सविता कंसवाल को मरणोपरांत अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। इस दौरान उनके पिता ने ये सम्मान ग्रहण किया। बता दें कि, साल 2022 में ट्रैंकिंग के दौरान जान गंवाने वाली सविता के लिए उनके पिता ने अर्जुन अवार्ड को राष्ट्रपति से ग्रहण किया।
वहीं जैसे ही सविता का नाम पुरस्कार के लिए बुलाया गया उनकी मां और बहनों के आंखों से आंसू झर-झर बहने लगे।
बता दें कि, 4 अक्टूब 2022 का दिन उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में करीब 40 लोगों के लिए काल का दिन था। जिस चोटी को फतेह करने के लिए 40 लोगों का एक दल निकला था उसी चोटी पर आए हिमस्खलन में सविता की मौत हो गई थी। सविता उन 40 लोगों के दल की ट्रेनर थीं, अपनी मृत्यु से कुछ महीने पहले विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह कर उन्होंने ना सिर्फ जिले, प्रदेश का नाम रौशन किया बल्कि पूरे देश में उन्होंने अपना वर्चस्व फैलाया। एवरेस्ट फतेह के 15 दिन के भीतर सविता ने माउंट मकालू का भी सफल आरोहण कर रिकॉर्ड बनाा था। इसके साथ ही माउंट ल्होत्से चोटी पर तिरंगा लहराने वाली सविता देश की दूसरी महिला पर्वतारोही बनीं थीं।
राष्ट्रपति से सविता के पिता द्वारा लिया गया अर्जुन अवार्ड का वीडियो खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने X पर शेयर किया।
इस दौरान उन्होंने लिखा, "दिन का हृदयस्पर्शी क्षण, यह अत्यंत भावनात्मक और गर्व से भरा क्षण है जब श्री राधे श्याम कंसवाल जी ने अपनी दिवंगत बेटी सविता कंसवाल की ओर से लैंड एडवेंचर में तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2022 स्वीकार किया। सविता 16 दिनों की अवधि में माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। पर्वतारोहण में एक दशक लंबे करियर के साथ, उन्होंने कर्तव्य की पंक्ति में अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और सहनशक्ति का प्रदर्शन किया और वीरता प्रदर्शित की। मैं उनके अमूल्य योगदान को सलाम करता हूं।"