जानिए आखिर कौन हैं Ashok Chavan, जिन्होंने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का साथ छोड़कर थामा था बीजेपी का हाथ

By Anoop Prajapati | Oct 21, 2024

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी रहे अशोक चव्हाण ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। वह पिछले कई दिनों से पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे। इसी के चव्हाण ने नांदेड़ सीट की विधायकी से भी इस्तीफा दे दिया था। जहाँ का लंबे समय से प्रतिनिधित्व कर रहे थे। अशोक चव्हाण की ओर से कांग्रेस से दूरी बनाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह सियासी गलियारों में यह बताई गई कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व से नाना पटोले को हटाकर खुद को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की बात कही थी


पिता से विरासत में मिली थी राजनीति


28 अक्टूबर 1958 को जन्मे अशोक चव्हाण को राजनीतिक विरासत उनके पिता शंकरराव चव्हाण से मिली थी. वह भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. अशोक चव्हाण 8 दिसंबर 2008 से 9 नवंबर 2010 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव के रूप में राजनीति में प्रवेश किया था।


कैसा रहा राजनीतिक सफर


पूर्व सीएम अशोक चव्हाण के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह विलासराव देशमुख सरकार में सांस्कृतिक मामलों, उद्योग, खान और प्रोटोकॉल मंत्री भी रहे। वह नांदेड़ जिले की भोकर सीट से 2019 में विधायक बने थे। 2 बार सांसद रहे, जबकि 4 बार विधायक रहे। 2015 से 2019 तक महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई। 1987 में पहली बार लोकसभा के सांसद चुने गए। 2014 में दूसरी बार सांसद चुने गए थे। इसके अलावा एक बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे।


राहुल गांधी के करीबियों में से एक


अशोक चव्हाण को राहुल गांधी का नजदीकी माना जाता था। 2019 लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस हारी थी, तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की हार एक सामूहिक जिम्मेदारी है। यह अकेले पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की नहीं है। अशोक चव्हाण की इसके अलावा विलासराव देशमुख से भी अच्छी ट्यूनिंग मानी जाती थी। उनके कार्यकाल में अशोक चव्हाण ने कई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले थे।


राज्य की राजनीति में बड़ा रुतबा


अशोक चव्हाण महाराष्ट्र में कांग्रेस के बड़े नामों में माने जाते थे। उन्हें महाराष्ट्र में कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता था। अशोक चव्हाण के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन्हें विलासराव देशमुख की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था, जो उस वक्त महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा नाम थे। इन्होंने महाराष्ट्र में पार्टी के लगभग सभी महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के साथ सीट शेयरिंग पर बात करने वाली टीम में भी यह शामिल थे।


1987 में शुरू हुआ राजनीतिक सफर


अशोक चव्हाण के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1987 में हुई। इस साल वो पहली बार लोकसभा के सांसद चुने गए। चव्हाण देशमुख की सरकार में सांस्कृतिक मामलों, उद्योग, खान और प्रोटोकॉल मंत्री रहे। साल 2008 में मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद तत्कालीन सीएम विलासराव देशमुख के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चव्हाण CM बने। अशोक चव्हाण 8 दिसंबर, 2008 से 11 नवंबर, 2010 तक दो सालों तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे।

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