By प्रिया मिश्रा | Dec 18, 2021
थायरॉइड डिसऑर्डर एक हार्मोनल स्थिति है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि या तो शरीर के लिए आवश्यक थायरॉइड हार्मोन का अधिक उत्पादन या कम उत्पादन करती है। यह स्थिति शरीर की आंतरिक प्रणाली के सामान्य कामकाज को बाधित करती है, जिससे अनिद्रा, वेट लॉस, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ज्यादातर मामलों में थायरॉइड डिसऑर्डर को रिवर्स यानी पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे केवल नियमित रूप से दवाएं लेने से ही नियंत्रित किया जा सकता है। थायरॉइड की दवा शरीर में थायरॉयड ग्रंथि को रेगुलेट करने और हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। यदि शरीर में थायरॉइड हॉर्मोन के लेवल को नियंत्रित ना किया जाए तो इससे हार्ट, नर्व और प्रजनन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। थायरॉइड डिसऑर्डर में डॉक्टर नियमित रूप और सही मात्रा में दवा लेने की सलाह देते हैं।
जहाँ अधिकांश दवाओं को भोजन के बाद लेने की सलाह दी जाती है, थायरॉइड की दवाएं सुबह जल्दी लेनी चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, थायरॉइड की दवा खाली पेट और सप्ताह के सभी दिनों में लेनी चाहिए हैं। इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ कर्नल विजय दत्ता ने एक मीडिया वेबसाइट के हवाले से बताया कि भोजन के बाद दवा लेने से दवा के अवशोषण में देरी होती है और दवा अप्रभावी हो जाती है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, थायरॉइड की दवा का पूर्ण लाभ तभी मिलता है जब इसे नियमित रूप से लिया जाए। इसलिए, आमतौर पर दवा को रोजाना एक ही समय पर लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, थायरॉइड की दवा सुबह खाली पेट और भोजन करने से 30 से 60 मिनट पहले लेनी चाहिए। दवा को सादे पानी के साथ लेना चाहिए। कॉफी या चाय के साथ दवा लेने से इसकी प्रभावशीलता कम हो सकती है। इसके अलावा, थायरॉइड की दवा को किसी भी अन्य दवा के साथ नहीं लेना चाहिए। अगर आपको सुबह कोई सप्लीमेंट या दवा लेनी है, तो जब भी आप अपनी थायरॉइड की दवाएं लें, तो उन्हें कम से कम 30-60 मिनट का गैप जरूर रखें।
डॉक्टर्स के अनुसार, हाइपोथायरायडिज्म के मामले में, थायरॉइड के हाइपोफंक्शन की नियमित रूप से निगरानी की जानी चाहिए क्योंकि यदि कोई व्यक्ति इसकी कम खुराक लेना जारी रखता है तो इससे वह लगातार हाइपोथायरायड स्थिति में रहेगा और उसका मेटाबॉलिज्म धीमा होता जाएगा। वहीं दूसरी ओर, यदि व्यक्ति अतिरिक्त खुराक लेता है तो इससे वह टॉक्सिक स्टेट में जा सकता है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म के लिए हानिकारक है। इसलिए रोगी के शरीर की आवश्यकता के अनुसार उसका उपचार किया जाना चाहिए।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक थायरॉइड के मरीजों को रोजाना दवा लेने की जरूरत होती है। हालांकि, अगर रोगी एक दिन दवा लेना भूल जाता है तो कोई समस्या नहीं है और वह अगले दिन दवा ले सकता है। हालांकि, यह सुनिश्चित करें कि आप नियमित रूप से रोजाना दवा का सेवन करें। अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा को सही तरीके से लेना ही इस स्थिति को प्रबंधित करने का एकमात्र तरीका है। डॉक्टर्स के मुताबिक, यदि आप नियमित रूप से दवा नहीं लेते हैं तो आपको पता नहीं चलेगा कि दवा प्रभावी है या नहीं। इससे थायरॉइड के स्तर में असंतुलन पैदा हो सकता है, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। थायरॉइड हॉर्मोन की दवाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि आपके शरीर को फिट और स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक थायरॉइड हार्मोन की सही मात्रा मिल रही है।
थायरॉइड की खुराक व्यक्ति की स्थिति के आधार पर समय-समय पर बदलती रहती है। वजन बढ़ने या प्रजनन संबंधी समस्याओं जैसे संकेतों को प्रबंधित करने के लिए अलग-अलग समय पर आपको अलग-अलग दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। सामान्य तौर पर थायरॉइड डिसऑर्डर को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है और मरीज को जीवन भर दवा लेने की आवश्यकता हो सकती है। हालाँकि, कुछ मामलों में, लक्षण समय के साथ दूर हो सकते हैं। लेकिन फिर भी आपको हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से दवा लेने की जरूरत है।
- प्रिया मिश्रा