छोटे बच्चों से करते हैं प्यार तो बनें पीडियाट्रिक

FacebookTwitterWhatsapp

By वरूण क्वात्रा | Sep 03, 2020

छोटे बच्चों से करते हैं प्यार तो बनें पीडियाट्रिक

छोटे बच्चों को एक अलग केयर, प्यार व देखरेख  की जरूरत होती है। अमूमन देखने में आता है कि छोटे बच्चे बड़ों की अपेक्षा जल्दी बीमार होते हैं और इसलिए उनके चिकित्सक की आवश्यकता होती है। नवजात शिशुओं से लेकर बच्चों की चिकित्सा करने वाले चिकित्सक पीडियाट्रिक या बाल रोग चिकित्सक कहे जाते हैं। यह चिकित्सा विज्ञान की एक विशेष शाखा है, जो खासतौर से बच्चों के रोगों के निदान और उपचार पर ध्यान केन्द्रित करता है। अगर आपकी भी विज्ञान विषय में रूचि है और आप हमेशा बच्चों से घिरे रहना चाहते हैं तो ऐसे में आप पीडियाट्रिक बनकर अपना भविष्य देख सकते हैं−

इसे भी पढ़ें: बेहद अलग है जूलॉजी में कॅरियर, जानें विस्तारपूर्वक इसके बारे में

क्या होता है काम

एजुकेशन एक्सपर्ट कहते हैं कि आमतौर पर माना जाता है कि पीडियाट्रिक सिर्फ बच्चे के बीमार होने पर दवाई देते हैं। लेकिन उनका काम सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। बाल रोग विशेषज्ञ योग्य बच्चों के चिकित्सक हैं जो बच्चों की बीमारी का इलाज करने के साथ−साथ उनकी देखभाल आदि पर भी ध्यान केन्द्रित करते हैं। वे माता−पिता को सलाह देते हैं कि अपने बच्चों की देखभाल कैसे करें, उनके टीकाकरण का प्रबंधन करें और बीमारी का इलाज करें जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। बाल रोग में बच्चों की देखभाल करना और उन्हें अच्छे स्वास्थ्य में रखने के लिए आवश्यक सर्वोत्तम चिकित्सा प्रदान करना शामिल है। एजुकेशन एक्सपर्ट के अनुसार, बाल रोग विशेषज्ञ व्यवहार, विकास और शारीरिक कार्यों में विकारों की शुरुआती पहचान, रोकथाम और प्रबंधन के लिए भी काम करते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि बाल चिकित्सा दो मुख्य क्षेत्रों से बना हैः सामान्य बाल रोग और बाल चिकित्सा उप−विशिष्टियाँ। एक सामान्य बाल रोग विशेषज्ञ आमतौर पर शिशुओं और बच्चों के लिए सामान्य बीमारियों और अन्य बीमारियों का इलाज करते हैं, जबकि विशेषज्ञ बच्चों की बीमारी से संबंधित किसी क्षेत्र में विशेषज्ञ होते हैं। वे एंडोक्रिनोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और संक्रामक रोगों, ऑन्कोलॉजी, क्लिनकिल फ़ार्माकोलॉजी, श्वसन चिकित्सा, रुमेटोलॉजी आदि में से किसी भी क्षेत्र में सुपर स्पेशलिस्ट हो सकते हैं।


शैक्षिक योग्यता

कॅरियर एक्सपर्ट बताते हैं कि बाल रोग विशेषज्ञ बनने के लिए आपको विज्ञान के साथ पहले अपना +2 पूरा करना होगा और फिर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए प्रवेश परीक्षा देनी होगी। किसी भी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज या विश्वविद्यालयों से एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने के बाद, बाल चिकित्सा में एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) की डिग्री लेनी चाहिए। इसके बाद आप बतौर, बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में अपना कॅरियर शुरू कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो इसके बाद आप बाल चिकित्सा क्षेत्रों में आगे विशेषज्ञता के लिए जा सकते हैं जैसे एंडोक्रिनोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और संक्रामक रोग, ऑन्कोलॉजी आदि। 


व्यक्तिगत गुण

बाल रोग विशेषज्ञ के लिए सिर्फ अपने क्षेत्र में कुशलता का होना ही पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा आपके आप धैर्य, अच्छे संचार कौशल और विशेषज्ञता होनी चाहिए। इसके अलावा, उनका आर्ब्जवेशल स्किल्स भी होना चाहिए क्योंकि वह अपने ऑर्ब्जवेशन के आधार पर ही डायग्नोस और उपचार करते हैं। उन्हें लंबे समय तक काम करने में सक्षम होना चाहिए और आपात स्थितयिों के मामले में समय पर निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए।

इसे भी पढ़ें: कानून की पढ़ाई कैसे करें? वकालत करने के लिए जानें बेसिक बातें

रोजगार की संभावनाएं

इस क्षेत्र में अगर रोजगार के अवसरों की बात की जाए तो बतौर पीडियाट्रिक आप एक उज्ज्वल भविष्य देख सकते हैं। आप निजी और सरकारी अस्पतालों में बतौर बाल रोग विशेषज्ञ काम कर सकते हैं। इसके अलावा आप खुद का क्लीनिक खोल सकते हैं या फिर चिकित्सा केंद्र में काम कर सकते हैं। इसके अलावा आप मेडिकल कॉलेजों या प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षण का विकल्प चुन सकते हैं।


आमदनी

एक बाल रोग विशेषज्ञ की आमदनी उसके अनुभव, स्थान व कौशल पर निर्भर है। सरकारी क्षेत्र में आप शुरूआती दौर में 50000 रूपए प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं। वहीं निजी क्षेत्र में आपकी आमदनी 60000−70000 रूपए हो सकती है। एक वरिष्ठ स्तर पर बाल रोग विशेषज्ञ प्रतिवर्ष 2000000−3500000 रूपए कमा सकता है।

इसे भी पढ़ें: एकदम हटकर कॅरियर है प्रॉडक्ट डिजाइनिंग, जानिए इसके बारे में

प्रमुख संस्थान

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली

यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एंड जीटीवी हास्पिटल, नई दिल्ली

जवाहरलाल नेहरू ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पॉडिचेरी

अगरतला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, अगरतला

रांची यूनिवर्सिटी, रांची

कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल


वरूण क्वात्रा

प्रमुख खबरें

DC vs RR Highlights: आईपीएल 2025 के पहले सुपर ओवर में दिल्ली कैपिटल्स की बल्ले-बल्ले, राजस्थान रॉयल्स को रौंदा

रोहित शर्मा के सिडनी टेस्ट से बाहर होने के पीछे की कहानी, हिटमैन ने खुद सुनाया किस्सा

DC के खिलाफ मुकाबले में संजू सैमसन को क्या हुआ? अचानकक बीच में छोड़ना पड़ा मैदान

DC vs RR: Karun Nair कि किस्मत खराब, नॉन स्ट्राइकर्स एंड पर हुए रन आउट