By अनुराग गुप्ता | Feb 07, 2022
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में वीआरएस लेकर अपनी किस्मत आजमा रहे राजेश्वर सिंह को भला कौन नहीं जानता है। आपको बता दें कि पूर्व ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से टिकट मिलने पर उन्होंने कहा था कि वह पार्टी की विचारधारा को आगे ले जाना चाहते हैं क्योंकि यह भारत का भविष्य है।
कौन हैं राजेश्वर सिंह ?
भाजपा नेता राजेश्वर सिंह का जन्म लखनऊ में हुआ था, जबकि उनका परिवार मूल रूप से सुल्तानपुर का रहने वाला है। राजेश्वर सिंह की शुरुआती शिक्षा दीक्षा लखनऊ में हुई और 12वीं के बाद वो आईआईटी धनबाद चले गए। इसके बाद साल 1994 में प्रांतीय पुलिस सेवा में उनका चयन हो गया और उन्हें लखनऊ में पहली पोस्टिंग मिली। लखनऊ में रहते हुए राजेश्वर सिंह ने ताबड़तोड़ एनकाउंटर करके अपनी अलग ही पहचान बना ली थी।
राजेश्वर सिंह के परिवार को अफसरों वाले परिवार के तौर पर जाना जाता था। उनके पिता रणबहादुर सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस से डीआईजी के पद से रिटायर हुए थे। उनके पिता को वीरता पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका है। वहीं उनके बड़े भाई रामेश्वर सिंह मुख्य आयकर आयुक्त हैं। जबकि बहन आभा सिंह मुंबई हाई कोर्ट में वकील हैं और छोटी बहन मीनाक्षी आयकर आयुक्त पद पर कार्यरत हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा से साल 2007 में ईडी में प्रतिनियुक्ति पर गए थे और उन्होंने वीआरएस ले ली और फिर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने राजेश्वर सिंह पर भरोसा जताते हुए लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा।
राजेश्वर सिंह ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ अपने सिविल सेवा करियर की शुरुआत की थी और 10 सालों तक उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ रहे। इसके बाद उन्होंने ईडी के साथ काम किया। ईडी में रहते हुए राजेश्वर सिंह ने टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला जैसे कई मामलों की जांच की और सुर्खियों में रहे।