5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जानिए कौन हैं नेता प्रतिपक्ष ? क्या है उनकी साख

By अनुराग गुप्ता | Dec 21, 2021

नयी दिल्ली। भारत समेत दुनिया का लगभग हर एक मुल्क 2021 में भी कोरोना महामारी से आहत था और अब हम नए साल की दहलीज में बैठे हुए हैं। ऐसे में कोरोना के नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही हमारा मुल्क चुनावों की तरफ बढ़ रहा है। साल 2022 के शुरुआती महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर शामिल है। ऐसे में आज हम आपको इन राज्यों के नेता प्रतिपक्ष की जानकारी देने वाले हैं। 

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है। ऐसे में विपक्ष का सारा दारोमदार अखिलेश यादव की पार्टी के ऊपर है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी हैं। 9 जुलाई, 1953 में जिला बलिया के गोसाईपुर में जन्में राम गोविंद चौधरी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है और फिर उन्होंने वकालत भी की।

अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले राम गोविंद चौधरी आठ बार के विधायक हैं और वो बेसिक शिक्षा मंत्रालय और बाल विकास मंत्रालय का भी पदभार संभाल चुके हैं। जय प्रकाश नारायण और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ काम कर चुके राम गोविंद चौधरी ने छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी और आपातकाल के दौरान जेल भी गए थे।

उत्तराखंड

उत्तराखंड में इस वक्त पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार है और कांग्रेस विपक्ष की भूमिका अदा कर रहा है। ऐसे में कांग्रेस ने प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाया था। साल 2011 में प्रीतम सिंह को सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार से नवाजा गया था। वो उत्तराखंड सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का पदभार भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा साल 2017 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। इतना ही नहीं प्रीतम सिंह चकराता से पांचवीं बार विधायक चुने गए थे। 

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गोवा

40 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश गोवा में कांग्रेस नेता दिगंबर कामत नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। साल 2007 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहे चुके दिगंबर कामत का जन्म 8 मार्च, 1954 को मरगाओ में हुआ था। पेशे से व्यापारी और रियल एस्टेट डेवलपर दिगंबर कामत इस बार मढ़गांव विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले हैं। कांग्रेस ने 8 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। जिसमें दिगंबर कामत का नाम भी शामिल है।

कई पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके दिगंबर कामत एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं और वो कांग्रेस के अलावा भाजपा की टिकट पर भी चुनाव लड़ चुके हैं। साल 1994 में जब कांग्रेस ने दिगंबर कामत को टिकट नहीं दिया था तब उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था लेकिन 2005 में उनकी घर वापसी हुई और सर्वसम्मति से विधानसभा के नेता चुने गए।

पंजाब

पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है और आम आदमी पार्टी नेता हरपाल सिंह चीमा नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में हैं। 10 फरवरी, 1974 को जन्में हरपाल सिंह चीमा संगरूर जिले में स्थित दिर्बा विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। वह साल 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के एक लोकप्रिय पंजाबी कबड्डी खिलाड़ी गुलज़ार सिंह मूनक और कांग्रेस के अजैब सिंह रतोलन के खिलाफ चुनाव जीता था। उन्हें साल 2018 में पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया था। 

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मणिपुर

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीट जीतने के बाद भी कांग्रेस सरकार बना पाने में सफल नहीं हो पाई। ऐसे में तीन बार के मुख्यमंत्री रहे ओकराम इबोबी सिंह नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में आ गए। कई बार हमलों का सामना करने वाले ओकराम इबोबी सिंह ने साल 2017 में थौबल निर्वाचन क्षेत्र से 18,649 मतों से जीत दर्ज की थी। 60 विधानसभा सीट वाले मणिपुर में कांग्रेस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। जबकि भाजपा 21 सीटें ही हासिल कर पाने में सफल हुई थी। फिर भी सरकार बना ली और मौजूदा समय में भाजपा की स्थिति कांग्रेस से कहीं ज्यादा मजबूत है।

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