Kejriwal का PA तोते की तरह बोलेगा, सारे राज खोलेगा! LG सक्सेना ने कैसे पकड़ी सबसे कमजोर नस

By अभिनय आकाश | Apr 11, 2024

दिल्ली की सियासत में जिस तरीके से भूचाल आया हुआ है। ऐसे में कब क्या हो जाएगा इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता है। दिल्ली की सियासत में इस वक्त अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से लेकर राघव चड्ढा के गायब होने की भी जोरो-शोरों से हो रही है।  लेकिन जब से अरविंद केजरीवाल को ईडी ने समन पर समन भेजना शुरू किया था तब से राघव चड्ढा लंदन से वापस नहीं आए हैं। एक तरफ तो अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाने का दावा ठोक रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ केजरीवाल के चहेतों पर शिकंजा कसता जा रहा है। केजरीवाल को उम्मीद थी जमानत मिल जाएगी और वो जेल से बाहर आ जाएंगे। लेकिन ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। 24 घंटे के अंदर केजरीवाल को विभिन्न अदालतों से झटकों की हैट्रिक लगी। पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने देते हुए गिरफ्तारी को वैध बता दिया गया। वहीं राउज एवेन्यु कोर्ट ने वकील से पांच दिन मुलाकात वाली याचिका को खारिज कर दिया। फिर केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में त्वरित सुनवाई के लिए पहुंचे। लेकिन वहां भी स्पेशल बेंच नहीं बनी। सीजेआई ने कहा कि ईमेल करें फिर इस पर विचार किया जाएगा। 

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केजरीवाल की बढ़ेगी और मुश्किलें 

विजिलेंस डिपार्टमेंट ने केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को टर्मिनेट कर दिया है। हाल ही में ईडी ने विभव कुमार से पूछताथ की थी। ये पूछताछ कथित शराब घोटाला मामले में ही हुई थी। इन सब के बीच पीए को बड़ा झटका लगा है। माना जा रहा है कि ये केजरीवाल के लिए भी मुश्किल भरी घड़ी हो सकती है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आदेश पर निदेशालय की तरफ से आदेश में कहा गया है कि उनकी सर्विस त्तकाल प्रभाव से समाप्त की जाती है। उनकी नियुक्ति के लिए प्रक्रिया और नियमों का पालन ठीक से नहीं किया गया है। इसलिए ये अवैध और अमान्य है। इससे पहले दिल्ली जल  बोर्ड घोटाले में भी फरवरी के पहले हफ्ते में ही ईडी विभव कुमार के घर पर रेड कर चुकी है।

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सीएम के राजनीतिक सलाहाकार

 जांच एजेंसी चार घंटे तक विभव से पूछताछ कर चुकी है। इससे पहले भी जांच एजेंसी ने समन भेजकर केजरीवाल के निजी सचिव से पूछताछ के लिए बुलाया था। विभव कुमार लंबे समय से केजरीवाल से जुड़े हुए हैं। आपको बता दें कि विभव कुमार सीएम के राजनीतिक सलाहाकार हैं और पार्टी व दिल्ली सरकार में पर्दे के पीछे रहकर ताकतवर तरीके से वो अपनी जिम्मेदारियां पूरी करते हैं। शायद इसलिए सरकार ने इन्हें 67 हजार तनख्वाह, 8700 जीपी और एक टाइप 5 बंगला, ऑफिस व फोन मिला है। 

मंत्री ने छोड़ी पार्टी 

अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।  आनंद दिल्ली में समाज कल्याण मंत्रालय संभालते थे। यहां तक की शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग भी दिया गया था। हालांकि बाद में ये विभाग सौरभ भारद्वाज और आतिशी को आवंटित किए गए थे। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनकी सरकार का जो रुख है उससे वो खफा है। दूसरी पार्टी ज्वाइन करने के सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि ऐसा कोई विचार नहीं है। 

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