Yes Milord: केजरीवाल- संजय सिंह को SC से राहत, बिलकिस केस के सभी दोषियों को करना ही पड़ेगा सरेंडर, जानें इस हफ्ते कोर्ट में क्या कुछ हुआ

By अभिनय आकाश | Jan 20, 2024

सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। बिलकिस बानो केस के दोषियों की सरेंडर को बढ़ाने वाली मोहलत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम जेल से फिर बाहर आ गया। बंगला खाली करने के मामले में महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा। इस सप्ताह यानी 15 जनवरी से 20 जनवरी 2024 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

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 बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों को सरेंडर के लिए मोहलत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान विलकिस वानो से गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के मामले में दोषी 11 लोगों को सरेंडर के लिए और मोहलत नहीं दी। इन दोषियों ने सरेंडर के लिए और वक्त मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इनकी याचिका खारिज कर दी और कहा कि सरेंडर में मोहलत के लिए जो कारण गिनाए हैं, उनमें दम नहीं है। हमने 8 जनवरी के आदेश में दो हफ्ते का पहले ही पर्याप्त समय दिया था। पीएम मोदी डिग्री मामले में अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह को बड़ी राहत। 

राम रहीम को पेरोल

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आ गया है। उसकी 50 दिन की परोल मंजूर हो गई। वह फिलहाल सुनारिया स्थित जेल में बंद है। उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ले जाया गया है। परोल की अवधि के दौरान वह उत्तर प्रदेश के बागपत जिला के बरनावा आश्रम में रहेगा। पिछले चार साल के दौरान वह आठ वार परोल या फरलो पर जेल से बाहर आ चुका है। इससे पहले 21 नवंबर 2023 को उसे 21 दिन की फरलो मिली थी, जिसके बाद 13 दिसंबर को वह जेल में वापस लौटा था। गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को दो साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति व पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई है। 

ज्ञानवापी में वजूखाने की सफाई 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताविक वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद स्थित सील वजूखाने की सफाई 20 जनवरी  दोपहर से पूर्व पूरा कर लिया गया। इसके लिए सुबह 9 से 11 बजे तक का समय निधारित किया गया। काशी विश्वनाथ धाम में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में हिंदू पक्ष और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी की बैठक में सफाई का निर्णय लिया गया। तय हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हिंदू और मुस्लिम पक्ष के दो-दो प्रतिनिधि सील वजूखाने की सफाई के दौरान मौके पर मौजूद रहेंगे, लेकिन कोई भी प्रतिनिधि वजूखाना की जाली के अंदर प्रवेश नहीं करेगा। सिर्फ सफाईकर्मी अंदर प्रवेश कर एहतियात बरतते हुए साफ-सफाई करेंगे। इस दौरान सुरक्षा के के पुख्ता इंतजाम रहेंगे और किसी को भी सील वजूखाने में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। मई 2022 में एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे के दौरान वजूखाने में कथित शिवलिंग मिलने के दावे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया था।  

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महुआ मोइत्रा सरकारी बंगला मामले में हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत

दिल्ली हाई कोर्ट ने लोकसभा सदस्यता से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा की गुहार ठुकराते हुए संपदा निदेशालय के उस नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके जरिए उन्हें सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने कहा कि अदालत के सामने कोई विशेष नियम नहीं लाया गया है जो संसद सदस्यों के सांसद न रहने के वाद उन्हें सरकारी आवास से बेदखल करने से रोकता हो। नोटिस के खिलाफ मोइत्रा की मुख्य याचिका पर हाई कोर्ट 24 जनवरी को सुनवाई करेगा। मोइत्रा ने सरकारी बंगले को खाली करने के नोटिस के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया और संपदा निदेशालय के नोटिस को चुनौती दी। सदन की सदस्यता रद्द होने के आधार पर मोइत्रा को आवंटित वंगला खाली करने को कहा गया है, जो उन्हें बतौर सांसद आवंटित किया गया था। पिछले साल 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद उनके सरकारी बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया।

डिग्री विवाद में केजरीवाल-संजय सिंह के खिलाफ मानहानी की सुनवाई पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी के एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन के बारे में कथित टिप्पणियों के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगा दी। गुजरात यूनिवर्सिटी ने मानहानि की शिकायत दायर की थी। जस्टिस वी.आर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेच ने संजय सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में राज्यसभा सदस्य सिंह ने गुजरात की एक निचली अदालत के सामने लंवित मामले को राज्य के बाहर और विशेष रूप से कोलकाता ट्रांसफर करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट से कहा कि वह आप के नेताओं की ओर से निचली अदालत की ओर से उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने वाली याचिका पर चार हफ्ते में फैसला लें। 

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