By निधि अविनाश | Jan 05, 2022
कज़ाखिस्तान राष्ट्रपति कसीम जोमार्ट टोकायव ने बुधवार को सरकार के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। बता दें कि, कज़ाखिस्तान में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण हिंसक विरोध के बीच राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में आपातकाल की स्थिति हो गई है। इस दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों ने पूर्व सोवियत गणराज्य के सबसे बड़े शहर अल्माटी के केंद्र की ओर मार्च किया। इस दौरान सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे और फ्लैशबैंग ग्रेनेड भी दागे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने मेयर के कार्यालय में धावा बोल दिया, वहीं लोग बैंकों, दुकानों और रेस्तरां पर भी हमला कर रहे है।
विरोध ने कजाकिस्तान की छवि को राजनीतिक रूप से हिला कर रख दिया है। कजाकिस्तान के संस्थापक अध्यक्ष नूरसुल्तान नज़रबायेव द्वारा स्थापित शासन के लिए अब तक के सबसे बड़े खतरा साबित हुआ है।बता दें कि 2019 में पद छोड़ने के बाद उन्होंने पार्टी के वफादार टोकायव को राष्ट्रपति पद सौंपी थी। टोकायव ने बुधवार तड़के अल्माटी और तेल उत्पादक पश्चिमी मंगिस्टाऊ प्रांत में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी, बाद में इसे राजधानी नूरसुल्तान तक बढ़ा दिया। उन्होंने घरेलू और विदेशी उत्तेजक लोगों पर हिंसा के पीछे होने का आरोप लगाया है। बता दें कि, इस झड़प में अबतक 95 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।