ब्रिटेन से आए लोग जांच करवाएं, नहीं तो होगी कार्रवाई: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 28, 2020

बेंगलुरु। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने ब्रिटेन से आए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई का संकेत दिया है, जिन्होंने कोविड-19 की जांच नहीं करायी है और अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए हैं। मंत्री ने सोमवार को संकेत दिया कि ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी हो सकती है। सुधाकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं ब्रिटेन से लौटे लोगों से जिम्मेदार नागरिक की तरह सहयोग करने का अनुरोध करता हूं। आप को (कोविड-19की) जांच कराना है। अगर आपने जांच नहीं करायी और मोबाइल फोन बंद रखा तो यह वास्तव में एक अपराध होगा।’’ स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह मंत्रिमंडल की बैठक के बाद गृह मंत्री बसवराज बोम्मई के साथ बैठक करेंगे। 

 

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क्या पुलिस मामला दर्ज करेगी, यह पूछे जाने पर सुधाकर ने कहा, ‘‘मैं गृह मंत्री के साथ इस विषय पर चर्चा करूंगा और आगे की कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा।’’ मंत्री के मुताबिक अब तक 1,614 लोगों ने जांच करायी है। उनमें से 26 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। संक्रमित लोगों के नमूनों को प्रयोगशाला भेजा गया है। उनकी रिपोर्ट भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पास भेजी जाएगी। मंत्री ने कहा कि संक्रमित पाए गए 26 लोगों को निर्धारित अस्पतालों में भर्ती कराया गया और उनमें से किसी को भी पृथक-वास में नहीं भेजा गया है। रिपोर्ट मिलने में देरी को लेकर एक सवाल पर मंत्री ने कहा कि प्रयोगशाला की रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी जाएगी। स्कूलों और इंटरमीडिएट कॉलेजों को खोले जाने के बारे में पूछे जाने पर सुधाकर ने कहा कि इस बारे में वह शिक्षा मंत्री से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि नए तरह के कोरोना वायरस के सामने आने से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मामले कम हो रहे हैं और संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी लगातार घटी है। ऐसे कई जिले हैं जहां पिछले कई दिनों से संक्रमण से मौत का कोई मामला नहीं आया है।’’ 

 

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टीका के बारे में पूछे जाने पर सुधाकर ने उम्मीद जताई कि टीका का काम जल्द से जल्द शुरू होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लोगों को सबसे अच्छा उपहार देने जा रहे हैं। टीका के प्रायोगिक परीक्षण के नतीजों पर उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के प्रायोगिक परीक्षण का नतीजा भी उत्साहजनक है और 95 से 86 प्रतिशत लोगों पर इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं दिखा। लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ी है।

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