By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 03, 2020
लखनऊ। कानपुर में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने भाजपा नीत प्रदेश सरकार में कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस परअंधाधुंध गोलीबारी की गयी जिसमें उप्र पुलिस के सीओ, एसओ सहित 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। उत्तर प्रदेश पुलिस के इन शहीदों के परिजनों के साथ मेरी शोक संवेदनाएं। प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहद बिगड़ चुकी है, अपराधी बेखौफ हैं।
उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि आमजन व पुलिस तक सुरक्षित नहीं है। कानून व्यवस्था का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री के पास है। इतनी भयावह घटना के बाद उन्हें सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए। कोई भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि कानपुर में शातिर अपराधियों द्वारा मुठभेड़ में डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों की मौत व 7 अन्य के आज तड़के घायल होने की घटना अति-दुःखद, शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण है। स्पष्ट है कि यूपी सरकार को खासकर कानून-व्यवस्था के मामले में और भी अधिक चुस्त व दुरुस्त होने की जरूरत है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि इस सनसनीखेज घटना के लिए अपराधियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाना चाहिए, चाहे इसके लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत क्यों न पड़े। सरकार मृतक पुलिसकर्मियों के परिवार को समुचित अनुग्रह राशि के साथ ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी भी दे, बसपा की यह मांग है। वहीं समाजवादी पार्टी ने एक तीखे ट्वीट में योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि रोगी सरकार के जंगलराज में हत्या प्रदेश बने उत्तर प्रदेश के कानपुर में दबिश के दौरान सत्ता संरक्षित अपराधियों द्वारा हमले में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद, अत्यंत दुखद! आत्मा को शांति दे भगवान! शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना! एक-एक करोड़ रूपये के मुआवजे का हो ऐलान। सत्ता कनेक्शन का हो पर्दाफाश!
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार-शुक्रवार की रात में ग्राम बिकरू, थाना चौबेपुर, जनपद कानपुर नगर में गाँव के ही एक व्यक्ति की शिकायत पर एक शातिर अपराधी को पकड़ने गई कानपुर पुलिस टीम पर अकस्मात बदमाशों ने छत से गोली चलाना शुरू कर दिया। इसमें एक पुलिस क्षेत्राधिकारी, तीन उप-निरीक्षक और चार कांस्टेबल मौके पर शहीद हो गए हैं।