ओडिशा में कार्तिक पूर्णिमा पर पारंपरिक बोइता बंदना उत्सव के दौरान अलग-अलग स्थानों पर पांच बच्चों की डूबने से मौत हो गई। पांच से 12 वर्ष की उम्र के इन बच्चों ने वार्षिक अनुष्ठान में भाग लेते समय अपनी जान गंवा दी।
‘बोइता बंदना’ उत्सव के दौरान तालाबों, नदियों और अन्य जल निकायों में रंग-बिरंगी छोटी नावें तैराई जाती हैं। पुलिस ने बताया कि बालासोर में बस्ता पुलिस सीमा के अंतर्गत आने वाले पनिशपाड़ा गांव में लगभग पांच साल की दो बच्चियां एक तालाब में डूब गईं।
दिलीप कुमार दास और मानस नंदा की बेटियां अपने परिवार की अनुपस्थिति में तालाब से छोटी नावें एकत्र करने लगीं और इसी दौरान दोनों तालाब में डूब गईं। बाद में अधिकारियों ने उनके शव बरामद किए।
पुलिस ने बताया कि बालासोर में एक अन्य घटना में खैरा पुलिस सीमा के अंतर्गत आने वाले सौंदिया गांव में तीन वर्षीय एक बच्चा तालाब में डूब गया। इसी तरह की एक घटना कटक जिले में हुई, जहां प्रदीप्त भोई का तीन वर्षीय बेटा सालेपुर ब्लॉक में स्थित करमुआन गांव में एक तालाब से नाव एकत्र करने की कोशिश में डूब गया।
पुलिस ने बताया कि मलकानगिरी जिले में 12 वर्षीय बच्ची साबित्री हंतल चंपानगर के एक तालाब में डूब गई। वह छोटी नावों पर रखे गए सिक्के निकालने की कोशिश कर रही थी, तभी वह गहरे पानी में गिरकर डूबने लगी। पुलिस ने बताया कि उसे तुरंत बचा लिया गया और नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।