Kamal Amrohi Death Anniversary: कमाल अमरोही ने फिल्म इंडस्ट्री को दी एक से बढ़कर एक फिल्में, कम उम्र में छोड़ दिया था घर

By अनन्या मिश्रा | Feb 11, 2024

आज यानी की 11 फरवरी को भारतीय सिनेमा के दिग्गज निर्देशक-स्क्रीनराइटर रहे कमाल अमरोही की डेथ एनिवर्सरी है। उनके अंदर अपने नाम की तरह ही कमाल की प्रतिभा भी। बता दें कि कमाल साहब ने इंडस्ट्री को 'रजिया सुल्तान', 'पाकीजा' और 'महल' जैसे शानदार फिल्में थी। वहीं हिंदी सिनेमा की सबसे भव्य फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में भी उन्होंने डायलॉग लिखे थे। वह हिंदी और उर्दु के कवि भी थे। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर कमाल अमरोही के जीवन के बारे में, जो किसी फिल्म की कहानी की तरह लगती है। 


जन्म

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 17 जनवरी 1918 को कमाल अमरोही का जन्म हुआ था। इनका असली नाम सैयद आमिर हैदर कमाल था। यह बचपन में काफी शरारती हुआ करते थे। एक दिन शरारत से परेशान आकर बड़े भाई ने कमाल को एक जोरदार चांटा जड़ दिया। गाल पर पड़ा थप्पड़ कमाल के दिल पर जा लगा और उन्होंने गुस्से में घर छोड़ दिया। वह छोटी उम्र में लाहौर चले गए और यहीं से उनके अंदर लिखने के प्रति रुचि जागी।

इसे भी पढ़ें: Jagjit Singh Birth Anniversary: गजल सम्राट जगजीत सिंह ने मायानगरी में ऐसे बनाई अपनी पहचान, अनोखी थी इनकी लव स्टोरी

फिल्मों में लेखन का सिलसिला

बताया जाता है कि लाहौर में रहते हुए कमाल साहब ने एक उर्दु अखबार के लिए लिखना शुरू किया। हांलाकि अखबार की नौकरी में उनका मन नहीं लगा और एक दिन वह नौकरी छोड़कर मुंबई निकल गए। यहां पर अमरोही साहब की मुलाकात कुंदरलाल सहगल, सोहराब मोदी और ख्वाजा अहमद अब्बास से हुई। इस दौरान अमरोही साहब को पता चला कि सोहराब मोदी एक कहानी की तलाश कर रहे हैं। तब कमाल अमरोही ने उनकी मदद की और कहानी पर आधारित फिल्म 'पुकार' सुपरहिट हुई और यहीं से अमरोही साहब के लेखन का सिलसिला चल पड़ा।


बता दें कि साल 1949 में आई फिल्म 'महल' के जरिए कमाल अमरोही ने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था। बता दें कि उन्होंने अपने फिल्मी करियर में 4 फिल्मों का निर्देशन किया था। कमाल द्वारा निर्देशित फिल्में 'महल', 'पाकीजा', 'दायरा' और 'रजिया सुल्तान' थी। फिल्म 'पाकीजा' कमाल साहब का ड्रीम प्रोजेक्ट था। यह फिल्म साल 1958 से बनना शुरू हुई थी और साल 1971 में बनकर तैयार हुई। इस फिल्म की शुरूआत के दौरान अभिनेत्री मीना कुमारी कमाल की पत्नी थी। लेकिन कमाल और मीना के अलगाव के बाद यह फिल्म लटक गई थी।


हांलाकि कमाल साहब ने हार नहीं मानी और अलगाव के बाद भी उन्होंने मीना कुमारी को इस फिल्म के लिए मना लिया। आपको बता दें कि फिल्म पाकीजा को भारतीय सिनेमा के इतिहास की शानदार क्लासिक फिल्मों में से एक है। कमाल साहब ने फिल्म 'मुगल-ए-आजम' के डायलॉग भी लिखे औऱ इसके फिल्म में उन्हें बेस्ट डायलॉग के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था।


मौत

वहीं कमाल अमरोही साहब ने 11 फरवरी 1993 को इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

प्रमुख खबरें

Tamil Nadu: राष्ट्रगान के अपमान पर नाराज हुए राज्यपाल आरएन रवि, नहीं दिया अभिभाषण

Bastar Journalist Murder | बेरहमी से की गयी थी पत्रकार की हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा, पसलियाँ टूटी, दिल को बाहर निकाला... आरोपी गिरफ्तार

Prabhasakshi NewsRoom: अपनी मिसाइलों का नाम गजनी पर रखते रहे पाकिस्तान ने Mahmud of Ghazni को लुटेरा करार दिया

जन्मदिन विशेष : आज देश याद कर रहा अपने वीर योद्धा Guru Gobind Singh जी को, इस साल दो बार मनायी जायेगी जयन्ती