By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 07, 2020
मुंबई। नकदी संकट से धराशायी हो चुकी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के रिणदाताओं की समिति (सीओसी) की बुधवार को बैठक हुई जिसमें आगे की स्थिति को लेकर विचार विमर्श किया गया। इस विमानन कंपनी के रिणदाताओं की समिति की यह 11वीं बैठक थी। समिति की इससे पहले 24 अप्रैल 2020 को बैठक हुई थी और 29 अप्रैल 2020 को ई-वोटिंग पूरी कर ली गई थी। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मार्च में कंपनी के दिवालिया समाधान प्रक्रिया को पूरा करने के लिये 90 दिन का विस्तार दे दिया था।
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एयरलाइन के समाधान पेशेवर ने एनसीएलटी में इसके लिये आवेदन किया था। किसी बोली लगाने वाले के सामने नहीं आने के बाद यह आवेदन किया गया था। दक्षिण अमेरिका की कंपनी सनर्जी ग्रुप और नई दिल्ली स्थित प्रुडेंट एआरसी के अंतिम तिथि तक बोली लगाने में नाकाम रहने के बाद सीओसी ने 18 फरवरी को बोली लगाने के लिये 10 मार्च 2020 की नई अंतिम तिथि तय की थी।बाद में एयरलाइन के स्लॉट मुद्दे को लेकर सनर्जी ग्रुप दोड़ से बाहर हो गई।वहीं रूस की फार ईस्ट एशिया डेवलपमेंट फंड के जेट एयरवेज में रुचि दिखाने पर 10 मार्च की तिथि तय की गइ्र। नकदी संकट में फंसी जेट एयरवेज पर विभिन्न बैंकों का 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। जेट एयरवेज के विमान अप्रैल 2019 के बाद हवाईअड्डों पर खड़े हैं।