By अंकित सिंह | Dec 14, 2022
जब से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर घोषित किया है, उसके बाद से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। खबर यह भी आ रही है कि आने वाले दिनों में जदयू और राजद का विलय भी हो सकता है। इसके अलावा खबर यह भी है कि नीतीश कुमार के इस ऐलान के बाद से जदयू के कुछ वरिष्ठ नेता नाराजगी है। कुल मिलाकर देखें तो नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के 2025 में महागठबंधन को लीड करने जा रहे है। उसके बाद से अलग-अलग चर्चाओं का दौर लगातार जारी है। हालांकि, विलय को लेकर जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा से सवाल पूछा गया। उन्होंने साफ तौर पर इससे इनकार कर दिया।
विलय को लेकर कुशवाहा का जवाब
राजद और जदयू में विलय होने जा रहा है। इस सवाल के जवाब में उपेंद्र कुशवाहा ने साफ तौर पर कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है और ना ही यह संभव है। अपने बयान में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि विलय की कोई बात नहीं है। लोगों को सोचना चाहिए कि ऐसा कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि जद (यू) का विलय आत्मघाती होगा। क्या कोई अपने आप आत्मघाती कदम उठाता है? इसमें कोई सच्चाई नहीं है। कोई विलय नहीं होगा।
नीतीश होंगे पीएम चेहरा!
कुछ लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि तेजस्वी यादव को 2025 में ताजपोशी की बात कहकर नीतीश कुमार ने 2024 को लेकर बड़ी राजनीतिक चाल चल दी है। माना जा रहा है नीतीश कुमार ने राजद कार्यकर्ताओं को साधने के लिए यह बयान दिया है, ताकि राजद कार्यकर्ता 2024 के चुनाव में नीतीश के पक्ष में खूब मेहनत करें और राजद का वोट नितीश को भी ट्रांसफर हो। अगर ऐसा नहीं होता है तो नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने का सपना सपना ही रह जाएगा। वैसे राजद लगातार नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिए आगे करने के बाद कह रही है। तो सवाल अब यह है कि नीतीश कुमार महागठबंधन में 2024 का चेहरा होंगे? इसके जवाब में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि विपक्षी दलों को एक साथ लाना होगा और फिर तय किया जाएगा कि क्या किया जाना है। लोकसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी दलों को एक साथ लाने का प्रयास किया जा रहा है। एक बार ऐसा हो जाने के बाद, वे चेहरा तय करेंगे।
जदयू नेताओं में नाराजगी
अब चर्चा इस बात को लेकर भी है कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया कि वह आने वाले समय में गठबंधन को लीड करेंगे। ऐसे में जदयू के वह नेता जो अपने भीतर नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी बनने की मंशा पाले हुए थेस उनका क्या होगा? उदाहरण के तौर पर उपेंद्र कुशवाहा ही है। इसके अलावा ललन सिंह, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, संजय झा जैसे नेता भी लगातार नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी के तौर पर देखे जाते हैं। वे उनके बेहद करीबी भी हैं। हालांकि, जदयू सूत्रों ने दावा किया है कि ऐसा कुछ भी नहीं है और नेताओं में कोई नाराजगी नहीं है। महागठबंधन पूरी तरीके से मजबूत है।