जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड को बेचने से नहीं होगा किसी का भला: सुप्रीम कोर्ट

By नीरज कुमार दुबे | Jul 19, 2018

उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि जेपी समूह की कंपनी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) को बेचे जाने से घर खरीदारों, वित्तीय संस्थानों या प्रवर्तकों में से किसी का भी हित नहीं सधेगा। शीर्ष न्यायालय ने जेआईएल के घर खरीदारों, जेआईएल की होल्डिंग कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड, बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों तथा दिवाला शोधन पेशेवरों समेत विभिन्न हितधारकों द्वारा निवेदित अंतरिम राहत पर भी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

 

मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ''कर्जदाताओं की समिति ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। कंपनी की संपत्तियों को बेचने (जेआईएल की) से किसी का भी हित नहीं सधेगा।’’ पीठ में न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ भी शामिल थे। कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एफएस नरिमन ने कंपनी के पुनरूत्थान के लिये बचे विकल्पों के बारे में बताया। उन्होंने पीठ से कहा, ‘‘कंपनी की चल रही परियोजनाओं पर काम आगे बढ़ाने के लिये जेएएल और जेआईएल की वित्तीय क्षमता का आकलन करने के लिये स्वतंत्र व्यक्ति अथवा व्यक्तियों की नियुक्ति के आग्रह को स्वीकार किया जाना चाहिये और यदि यह विशेषज्ञ समिति कहती है कि जेएएल अथवा जेआईएल के पास वित्तीय क्षमता नहीं है तो उसके बाद अगले कदम पर विचार किया जाये।’’ पीठ ने स्थिति की भयावहता को देखते हुए कहा कि कंपनी की जिम्मेदारी पहले दो हजार करोड़ रुपये की थी जो अब बढ़कर 30 हजार करोड़ रुपये के पार जा चुकी है।

 

प्रमुख खबरें

Borio Assembly Seat: बोरियो सीट पर हमेशा होता आया है कांटे का मुकाबला, इस बार बदले चुनावी समीकरण

Unilever ने यूरोप में छंटनी कम की, कुछ कर्मचारियों को आइसक्रीम बिजनेस में किया ट्रांसफर

भारत ने वो काम कर दिखाया जो कोई देश नहीं कर सका...आखिर Mumbai में ऐसा क्यों बोले Rajnath Singh

Bokaro Assembly Seat: बोकारो सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने को तैयार बिरंची नारायण, समझिए समीकरण