By रेनू तिवारी | Apr 01, 2020
कोरोना वायरस बीमारी देश में फैलती जा रही है। इसे रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकलाउन लगा दिया है। लॉकडाउन के बावजूद भी सरकार की अपील को ठेंगा दिखाते हुए दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीग-ए-जमात में भारत के मुस्लिमों सहित 2000 से ज्यादा विदेशियों ने इसमें हिस्सा लिया। जमात में शामिल कई लोगों को कोरोना का संक्रमण था लेकिन ये सभी अपनी बीमारी को छुपाए बैठे रहे है और उसे दूसरों में फैलाते रहे। भारत के कई हिस्सों में फैली जमात ने कितने लोगों को संक्रमित किया है इसकी जांच हो रही है। आखिर कोरोना जैसी बीमारी 1 महीने से छुपाने के पीछे लोगों की क्या मंशा थी।
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अब सरकार ने लॉकडाउन में भी खुल रही मस्जिदों को कोरोना संकट तक पूरी तरह से बंद करने का निर्देश की हैं। अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद ने दारुल उलूम देवबंद से इस संकट की घड़ी में भारत का साथ देने को कहा है उन्होंने दारुल उलूम देवबंद से कहा कि वह मस्जिदों को फतवा भेजकर बंद करने का फरमान दे।
ताहिर महमूद की इस बात पर बॉलीवुड के मशहूर लेखक जावेद अख्तर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। जावेद ने ट्वीटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि ताहिर महमूद साहब एक विद्वान और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने अख्दारुल उलूम देवबंद से कहा है कि जब तक कोरोना संकट खत्म नहीं होता तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने के लिए फतवा दें। मैं उनकी मांग का पूरी तरह से समर्थन करता हूं अगर मदीना में काबा मस्जिद बंद हो सकती है तो भारतीय मस्जिदें क्यों नहीं?
जावेद अख्तर का मस्जिदों को बंद रखने की बात का समर्थन करने पर कई मुस्लिम लोग उनसे खता नजर आये तो कई लोगों ने उनके इस बयान की तारीफ भी की। आपको बता दे कि दुनिया भर में कोहराम मचाने वाले कोरोना वायरस की चपेट में अब भारत भी फंसता दिख रहा है। भारत में कोरोना संक्रमितों को रफ्तार बढ़ने लगी है। अब तक भारत में पहली बार एख दिन में 315 नये मामले सामने आये हैं। अब भारत में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 1600 से पार हो गई है। वहीं मौत का आकड़ा 52 हो गया है।