By रेनू तिवारी | Sep 13, 2024
जम्मू कश्मीर में पिछले कई सालों से तस्करी की घटनाओं में वृद्धि दखने को मिली हैं। और आपको बता कि ये घटनाएं पाकिस्तान से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल से नहीं बल्कि जम्मू की सीमाओं पर हो रही हैं। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से हमने राज्य में कई तरह के परिवर्तन देखें हैं। जहां पहले युवाओं को आतंकवादी विचार धारा वाले लोगों ने पत्थर बाजी और आतंकवादी गतिविधियों में फंसाया हुआ था वहीं इस तरह की गतिविधियां अब कुछ प्रतिशत कम हुई है लेकिन इसके साथ-साथ कुछ अन्य समस्याओं से भी जम्मू कश्मीर जूझ रहा है।
कुछ रिपोर्ट के आधार पर बताया जा रहा है कि जम्मू की सीमाएँ मादक पदार्थों की तस्करी का केंद्र बनी हुई हैं। वहीं बात करें कि सीमा पार तस्करी करने वाले कौन लोग है! तो कुछ आंकड़ों के अनुसार इन काम के लिए अब महिलाओं को रखा जा रहा है। ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी करने के मामले में महिलाओं की संख्या बढ़ीं हैं। तस्करी करने के लिए महिलाओं को इस लिए भी शामिल किया जा रहा है कि इनपर शक कम किया जाता है।
एलओसी से ज्यादा जम्मू क्षेत्र से लगी सीमाओं पर ड्रग्स की तस्करी बढ़ी
अधिकारियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों की आमद में तेजी से वृद्धि और सुरक्षा बलों तथा नागरिकों पर हमले करने के लिए धन जुटाने में उनके उपयोग के विश्लेषण के बाद नए तथ्य सामने आए हैं। पिछले तीन वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में उच्च तीव्रता वाले आतंकवादी हमलों में वृद्धि के लिए मादक पदार्थ प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक रहे हैं और इस खतरे पर अंकुश लगाना सुरक्षा प्रतिष्ठान के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। इंडियन एक्सप्रेस पर छपी खबर के अनुसार उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) की तुलना में जम्मू क्षेत्र से लगी सीमाएँ जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी में प्रमुख भूमिका निभाती हैं और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए महिलाओं की तैनाती बढ़ रही है। यह जानकारी केंद्र शासित प्रदेश के सुरक्षा अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस को दी।
लाइन ऑफ कंट्रोल से ज्यादा जम्मू-कश्मीर में तस्करी की घटनाओं में पांच वर्षों में 30 प्रतिशत की वृद्धि
अगर अधिकारियों के बयानों को देखा जाए तो आंकड़े कहते हैं कि कश्मीर में मादक पदार्थों की खपत में पिछले पांच वर्षों में 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, तक कई मामले दर्ज किए जाने के बावजूद, केवल कुछ तस्कर ही पकड़े गए हैं। एक सूत्र ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में एक नशीले पदार्थ विक्रेता औसतन 3 लाख रुपये तक नकद कमाता है। पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास तत्तापानी और अब्बासपुर, जम्मू में चिनाब नदी के किनारे और सांबा के पास पंगदौर और घगवाल जैसे इलाके जम्मू बेल्ट के उन इलाकों में से हैं, जहां जम्मू-कश्मीर में नशीले पदार्थों की सबसे ज्यादा तस्करी होती है। कश्मीर घाटी में, सबसे ज्यादा नशीले पदार्थों की तस्करी बारामुल्ला और कुपवाड़ा क्षेत्रों में होती है, खासकर शमशाबारी रिज के करीब स्थित इलाकों में हुई।