By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 23, 2020
दुबई। आलराउंडर विजय शंकर ने कहा कि उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच को अपने लिये ‘करो या मरो’ की तरह लिया था तथा वह जानते थे कि बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन करने पर ही वह सनराइजर्स हैदराबाद के अंतिम एकादश में अपना स्थान बचा सकते हैं। मनीष पांडे (नाबाद 83) और शंकर (नाबाद 52) के बीच तीसरे विकेट के लिये 140 रन की अटूट साझेदारी की मदद से सनराइजर्स ने रॉयल्स के खिलाफ आठ विकेट से जीत दर्ज की। इससे उसके 10 मैचों में आठ अंक हो गये हैं और पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।
शंकर ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगर मैं व्यक्तिगत तौर पर बात करूं तो यह मेरे लिये करो या मरो जैसा मैच था। मैं इस मैच को इसी तरह से ले रहा था। मैं बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया था और इसलिए मुझे इस मैच में अच्छा प्रदर्शन करना था। दुर्भाग्य से कहो या सौभाग्य से हमने शुरू में दो विकेट गंवा दिये और ऐसे में टीम ने मुझे ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी के लिये भेज दिया। ’’ गेंदबाजी में भी अच्छा प्रदर्शन करने वाले शंकर ने कहा कि टीम को पिछले दो मैचों में भी जीत दर्ज करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अंतिम क्षणों में वे मैच गंवाये। इस तरह की जीत से टीम के हर सदस्य का मनोबल बढ़ेगा। हम बाकी मैच जीतकर टूर्नामेंट में अपनी उम्मीदें बरकरार रख सकते हैं। ’’ शंकर ने कहा कि सनराइजर्स के दो विकेट गंवाने के बाद उनकी योजना लंबी साझेदारी निभाने की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मनीष वास्तव में शुरू में गेंद को अच्छी तरह से हिट कर रहा था। मैंने असल में इस पारी से पहले इतनी अधिक गेंदों का सामना नहीं किया था। मैंने इस पारी से पहले केवल 18 गेंदें खेली थी इसलिए मेरे लिये उसका अहसास महत्वपूर्ण था। (जोफ्रा) आर्चर तेज गेंदबाजी कर रहा था और इसलिए मेरे लिये विकेट पर टिके रहना महत्वपूर्ण था। ’’ राजस्थान रॉयल्स के अब 11 मैचों में आठ अंक हैं और वह सातवें स्थान पर है। उसके मुख्य कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड ने कहा कि टीम के लिये अब बेहद सरल समीकरण हैं कि वह बाकी बचे तीनों मैच जीते और अन्य मैचों में अनुकूल परिणाम की उम्मीद करे। मैकडोनाल्ड ने कहा, ‘‘चुनौती बहुत सरल है कि हम बाकी बचे तीनों मैच जीतें और देखें कि रन रेट में हमारी स्थिति क्या है। यह अपनी तैयारी जारी रखने और यह विश्वास बनाये रखने से जुड़ा है कि हमारी टीम अच्छी है। टीम के पास अब गंवाने के लिये कुछ नहीं है।