By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 01, 2020
वाशिंगटन। रूस के अमेरिका के सैनिकों की हत्या कराने के लिए तालिबान से जुड़े आतंकवादियों को कथित तौर पर इनाम देने की खबरों को खारिज करते हुए व्हाइट हाउस ने कहा कि मीडिया में आ रही ‘‘गैर जिम्मेदाराना’ और ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ खबरों ने न केवल विधिवत चुने गए अमेरिकी राष्ट्रपति के पद को कमजोर किया बल्कि खुफिया सूचनाएं एकत्र करने की देश की क्षमता को भी प्रभावित किया है। गौरतलब है कि ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने सबसे पहले एक खबर प्रकाशित की थी जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का मानना है कि लंबे समय से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति वार्ता के बीच रूसी सैन्य खुफिया इकाई गुप्त रूप से तालिबान से जुड़े आतंकवादियों को अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों सहित गठबंधन सेनाओं को निशाना बनाने पर इनाम देने की पेशकश कर रही है। इसके बाद बाकी मीडिया मंचों पर भी ऐसी ही खबरें प्रकाशित की गईं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने मंगलवार को कहा, ‘‘ कौन सा सहयोगी हमारे साथ खबरें साझा करना चाहेगा जब उसे पता है कि कुछ धूर्त खुफिया अधिकारी एक प्रमुख अमेरिकी समाचार पत्र के मुख पृष्ठ पर उस जानकारी को प्रकाशित करा सकते हैं।’’ मैकनेनी ने अमेरिका के राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रम्प को इसकी जानकारी होने की खबरों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप के पद संभालने से पहले से ही निर्वाचित राष्ट्रपति की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली या उन्हें कमजोर या अवैध ठहराने वाली खबरें प्रकाशित की गईं।’’ न्याय विभाग के अनुसार ट्रम्प प्रशासन में गोपनीय जानकारियों के लीक होने के मामले काफी बढ़े हैं। बराक ओबामा के कार्यकाल में अपराधिक लीक के औसतन 39 मामले सामने आए थे। लीक से यहां तात्पर्य जानकारी के सार्वजनिक होने से है। मैकनेनी ने कहा, ‘‘ इसप्रशासन में 2017 में 100, 2018 में 88 अपराधिक लीक के मामले सामने आए। औसतन 104 प्रति वर्ष।