By सत्य प्रकाश | Aug 10, 2021
अयोध्या। राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले स्वर्गीय महंत रामचंद्र परमहंस दास के 18वीं पूण्य तिथि पर बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी समाधि स्थल पहुंचे जहां पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया है। वहीं इस दौरान कहा कि मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर वालिद और महंत परमहंस दास एक दूसरे की खिलाफत में रहे हो लेकिन न्यायालय में चल रहे विवाद की सुनवाई में शामिल होने के लिए एक ही रिक्शे से चलते थे। और आज दोनों लोग इस दुनिया में नहीं हैं इसलिए उनके पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
दरसल आज स्वर्गीय महंत रामचंद्र परमहंस दास की 18 वीं पूण्य तिथि मनाई जा रही थी इस दौरान जहां संतों ने श्रद्धांजलि अर्पित किया है तो वहीं इस मौके पहुंचे बाबरी पक्षकार हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी ने भी पुष्प चढ़ाकर श्रद्धाजंलि दी। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए इकबाल अंसारी ने कहा कि आज परमहंस की समाधि स्थल पर हम आए हुए हैं। महंत परमहंस दास एक ऐसे सन्त रहे जिसे पूरी दुनिया जानती है। वह एक सन्त थे उनके अंदर को भेद भाव नही था। वहीं सवाल बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि का रहा है। जिसका मुकदमा कोर्ट में चलता रहा लेकिन अयोध्या में किसी के मन में कोई नफरत की भावना नही थी। हमारे पिता जी मुकदमे में भी एक साथ जाते रहे। जिसके कारण पूरी दुनिया में चर्चा होती थी। दोनों लोग मंदिर मस्जिद के लिए लड़ रहे थे क्योंकि यह समाज की चीज थी हाशिम अंसारी अपने समाज के लिए लगा रहे थे महंत परमहंस दास अपने समाज के लिए लड़ रहे थे। दोनों में अच्छी दोस्ती रही जिसे आज भी हम निभा रहे हैं इसलिए आज पूण्य तिथि पर हम भी आये हुए हैं। वही कहा कि अब राम मंदिर के पक्ष में फैसला आ गया है जिसका हम सभी लोगों ने भी स्वागत किया है मंदिर निर्माण का कार्य हो रहा है अयोध्या के लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द मंदिर बने इससे लोग अयोध्या आए और दर्शन करें।