By अनुराग गुप्ता | Apr 23, 2022
नयी दिल्ली। राजस्थान रॉयल्स बनाम दिल्ली कैपिटल्स के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 34वें मैच में एक ऐसा वाक्या हुआ जिसकी वजह से कप्तान ऋषभ पंत का जमकर आलोचना हो रही है। आपको बता दें कि आईपीएल के 34वें मैच के 20वें ओवर में दिल्ली को जीतने के लिए 36 रनों की आवश्यकता थी। ऐसे में क्रीज पर रोवमैन पॉवेल और कुलदीप यादव खड़े थे और गेंदबाजी ओबेड मैककॉय कर रहे थे।
मैककॉय को 20वें ओवर की पहली, दूसरी और तीसरी गेंद पर रोवमैन पॉवेल ने तीन दमदार छक्के जड़े। लेकिन तीसरी गेंद को लेकर विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत का मानना था कि तीसरी गेंद नो बॉल है लेकिन अंपायर ने इसे नो बॉल करार नहीं दिया। जिसकी वजह से विवाद खड़ा हो गया और ऋषभ पंत ने बल्लेबाजों को वापस बुलाने का प्रयास किया लेकिन शेन वॉटसन के दखल के बाद मुकाबला पूरा हुआ और दिल्ली 15 रन से मुकाबले को गंवा बैठी।
ऋषभ पंत की इस हरकत की वजह से उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है। इतना ही नहीं इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर केविन पीटरसन भड़क गए। उन्होंने कहा कि ऋषभ पंत गेम को किस तरह से समझ रहे थे, पूरे गेम की लय टूट होगी, अंपायर से ज्यादा तो दिल्ली टीम का फैसला चकित करने वाला रहा। मुझे लगता है कि रिकी पोटिंग अगर होते तो ऐसा नहीं होता।
इसके साथ ही केविन पीटरसन ने जोस बटलर द्वारा ऋषभ पंत से की गई बातचीत को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जोस बटलर ने दखल दिया वो सही है, उनको यह जानने का अधिकार था कि आखिर हो क्या रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोच को मैच के बीच में फील्ड में भेजना बिल्कुल गलत फैसला था।
केविन पीटरसन ने बताया कि हम लोग जेंटलमैन गेम खेलते हैं, लोग गलतियां करते हैं। 20 साल के करियर में हमने भी कई बार गलत आउट होते हुए देखा है, मगर ऐसा कभी भी नहीं हुआ, यह क्रिकेट के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।
पंत और ठाकुर पर लगा जुर्माना
कप्तान ऋषभ पंत और तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर पर आईपीएल आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया गया, जबकि सहायक कोच प्रवीण आमरे को एक मैच के लिये प्रतिबंधित कर दिया गया। आईपीएल ने बयान में कहा कि पंत और आमरे पर उनकी पूरी मैच फीस का जुर्माना लगाया गया जबकि ठाकुर पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है।
मानना होगा अंपायर का फैसला
दिल्ली के सहायक कोच शेन वाटसन ने कहा कि आखिरी ओवर में जो कुछ हुआ टीम उसका समर्थन नहीं करती तथा खिलाड़ियों को अंपायरों का फैसला मानना चाहिए था और किसी का मैदान में जाना पूरी तरह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि देखिए, उस आखिरी ओवर में जो हुआ वह बहुत निराशाजनक था। अंतिम ओवर में जो कुछ हुआ दिल्ली उसका समर्थन नहीं करता है। अंपायर का फैसला, चाहे वह सही हो या गलत, हमें स्वीकार करना होगा।