मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिला अंतर मंत्रालयीन दल

By दिनेश शुक्ल | Oct 02, 2020

भोपाल। मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अतिवर्षा से प्रदेश के किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर्वोत्तम प्रबंध किए जा रहे हैं। शार्ट टर्म प्रयासों के अंतर्गत किसानों को तत्काल राहत राशि देने के बाद लांग टर्म योजना में किसानों को कृषि कार्य संबंधी मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार के अंतर मंत्रालयीन अधिकारी दल से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान से आज भेंट करने आए दल को प्रदेश के अति वर्षा और बाढ़ से प्रभावित जिलों के भ्रमण और फसल क्षति का आकलन करने के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान अंतर मंत्रालयीन दल के प्रभारी संयुक्त सचिव राजवीर सिंह ने मुख्यमंत्री चौहान को दल द्वारा राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठकों और संपादित कार्यों की जानकारी दी। 

 

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मुख्यमंत्री  ने कहा कि इस मानसून में अगस्त के अंतिम सप्ताह में हुई अतिवर्षा ने कृषि फसलों को काफी प्रभावित किया। उन्होंने स्वयं अनेक जिलों में जाकर क्षतिग्रस्त फसलें देखीं और किसान बन्धुओं से चर्चा की। केन्द्रीय दल द्वारा भी आकलन की कार्यवाही की गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने दल के सदस्यों से अपेक्षा की कि दल द्वारा वास्तविक प्रतिवेदन सौंपा जाएगा। इससे निश्चित ही मध्यप्रदेश के किसानों के हित में अन्य आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भेंटकर मध्य प्रदेश में कृषि फसलों को हुए नुकसान की विस्तारपूर्वक जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड-19 के संकट के कारण आपदा की मद की राशि का करीब एक तिहाई हिस्सा व्यय करना पड़ा, जिसके फलस्वरूप फसलों की क्षति के लिए भारत सरकार से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा है।

 

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अतिवर्षा और बाढ़ की वजह से फसलों की क्षति को देखते हुए कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को क्राप पेटर्न के संबंध में सतत् मार्गदर्शन दिया जाएगा। सिर्फ एक या दो प्रमुख फसलों पर निर्भर रहने वाले किसान बन्धुओं को अंतरवर्ती फसलों के लिए प्रेरित किया जाएगा। पुराने समय में भी किसान साल में चार फसलें बो कर क्षति की आशंका को कम करते हुए अधिक लाभ प्राप्त करने का रास्ता निकलता आया है। आज किसान सिर्फ सोयाबीन के स्थान पर मक्का और धान उत्पादन के लिए आगे आए हैं। रबी और खरीफ दोनों के लिए व्यवहारिक समाधान अपना कर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। मध्य प्रदेश की जलवायु, मिट्टी के मुताबिक फसलों के लिए बुआई और उद्यानिकी से लाभ प्राप्ति पर भी किसानों को मार्गदर्शन मिलेगा। 

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