By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 02, 2022
रक्षा मंत्री ने कहा कि लगातार बदलती वैश्विक परिस्थितियों के बीच निर्बाध समुद्री व्यापार के लिए देश के समुद्री हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी भारतीय नौसेना के कंधों पर है। उन्होंने नौसेना की प्रशंसा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संकटों के समय नौसेना हमेशा ‘सबसे पहले सक्रिय’ होती है। सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘आईएनएस विक्रांत’ को देश-सेवा में समर्पित करने से नौसेना की क्षमता और बढ़ेगी। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘यह मित्र देशों को आश्वासन है कि भारत क्षेत्र की सामूहिक रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है। हम मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत में विश्वास करते हैं। इस दिशा में हमारे प्रयास ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और प्रगति) द्वारा निर्देशित हैं, जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री ने की है।” उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र-सेवा में समर्पित करना इस बात की पुष्टि है कि सरकार ‘आत्मनिर्भर भारत’ को हासिल करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है।
सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में होने वाले बड़े बदलावों का महत्वपूर्ण अंग है और उनके दूरदर्शी नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना पूरी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, व्यापार, यातायात और संचार जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व परिवर्तन किया है। सिंह ने रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई पहलों के बारे में बताया जिनमें उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों की स्थापना; रचनात्मक स्वदेशीकरण सूची को जारी करना; घरेलू उद्योग के लिए 68 प्रतिशत पूंजी खरीद बजट आवंटन; रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020 और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सीमा में बढ़ोतरी शामिल है। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ तथा पिछले वर्ष हुआ 400 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निर्यात इस परिकल्पना का प्रमाण है।