जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक नाबालिग का अपहरण कर हत्या करने का प्रकरण सामने आया है। जबलपुर के पनागर थाना अंतर्गत धन्वंतरि क्षेत्र में यह घटना हुई। अपहरण की वारदात गुरुवार शाम 6 बजे की बताई जा रही है। जब व्यवयायी मुकेश लांबा के 13 वर्षीय पुत्र आदित्य लांबा चिप्स और अन्य सामान लेने किराना दुकान गया था। अपहरणकर्ताओं ने नाबालिग के परिवार से फिरौती की रकम दो करोड रुपए मांगी थी। जानकारी में सामने आया कि अपहरणकर्ता ने परिजनों को बार-बार फोन कर 2 करोड रुपए की मांग कर रहे थे। जिस पर अपहरित बच्चे के माता-पिता ने 2 करोड रुपए उनके पास न होने की असमर्थता जताई थी।
लेकिन अपहरणकर्ता बच्चे को मुक्त न करने पर अडे रहे और परिजनों को यकीन दिलाने के लिए बच्चे की बात भी उनसे करवाई। वही दो दिन बाद रविवार सुबह पनागर क्षेत्र की एक नहर में बच्चे का शव मिला। बच्चे का शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और आक्रोश का महौल बन गया। बालक के शव की जानकारी मिलने पर धनवंतरि नगर के व्यापारी सड़कों पर उतर आए। दुकानें बंद कर पुलिस की लापरवाही पर आक्रोश जताया।
मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों अधारताल महाराजपुर जबलपुर निवासी मास्टर माइंड राहुल उर्फ मोनू विश्वकर्मा (30), मलय राय (25) और करण जग्गी (24) को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से फिरौती में दी गई रकम में से सात लाख 66 हजार रुपये जब्त किए हैं। घटना का मास्टर माइंड राहुल व्यवसायी मुकेश लांबा का पूर्व परिचित है। इसी ने पूरी योजना बनाई थी। मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस की जानकारी में पूरा घटनाक्रम होने के बाद भी आरोपितों ने स्वजनों के जरिए तकरीबन आठ लाख रुपये 16 अक्टूबर को फिरौती के रूप में वसूल भी कर लिए थे। इसके बावजूद पुलिस अपहर्ताओं तक नहीं पहुंच सकी। मामले में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि हमारी प्राथमिकता थी कि बालक आदित्य को सकुशल बचाया जाए। फोन ट्रेसिंग से लेकर आरोपियों को पकड़ने के लिए 200 अधिकारियों व जवानों की टीम लगाई गई थी। वहीं एसपी इस बात का जवाब नहीं दे सके कि जब इतना बड़ा अमला लगा था तो बच्चे को क्यों बचाया नहीं जा सका।