By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 24, 2021
नयी दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच सोर्ड मारिन को उम्मीद है कि टीम आगामी तोक्यो ओलंपिक में कम से कम क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में सफल रहेगी और इससे कम पर उन्हें बहुत बड़ी निराशा होगी। टीम लगातार दूसरी बार ओलंपिक में भाग लेगी। इससे पहले उसने 36 साल बाद रियो ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई किया था। भारतीय महिला टीम का ओलंपिक खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 के मास्को ओलंपिक में रहा जबकि टीम ने चौथा स्थान हासिल किया था और मारिन को विश्वास है कि यदि खिलाड़ी अपनी योग्यता के अनुसार प्रदर्शन करते हैं तो इस रिकार्ड की बराबरी कर सकते हैं।
मारिन ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत में उम्मीदें बहुत अधिक लगायी जाती हैं। वास्तविकता यह है कि केवल दो देश जापान और दक्षिण अफ्रीका ही हमसे रैंकिंग में नीचे हैं। इसलिए मैं नहीं जानता कि इन अपेक्षाओं का आधार क्या है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि हमने पिछले चार साल में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन फिर भी हमें वास्तविकता से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। हम क्वार्टर फाइनल में पहुंचने पर ध्यान दे रहे हैं और यह वास्तविकता है और इसके बाद कुछ भी हो सकता है। ’’ मारिन ने कहा कि यदि वे क्वार्टर फाइनल में नहीं पहुंच पाते तो खिलाड़ियों को बड़ी निराशा होगी जिन्होंने इस मुश्किल समय में अपने सपने को सच करने के लिये काफी बलिदान किया है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरे लिये सबसे महत्वपूर्ण हमारा प्रदर्शन है और मैं जानता हूं कि यह आसान है। मैं केवल इतना चाहता हूं कि यह टीम अपनी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करे और मेरा काम इसमें उसकी मदद करना है। ’’
भारतीय कोच ने कहा, ‘‘यदि हम अपने पूल का प्रत्येक मैच अपनी क्षमता से खेलते हैं लेकिन क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में नाकाम रहते हैं, मुझे तब भी खुशी होगी। लेकिन मुझे लगता है कि अपनी क्षमता के साथ खेलने से हमें क्वार्टर फाइनल और यहां तक कि उससे भी आगे पहुंचने में मदद मिलेगी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि मुझे निराशा होगी तो अपनी खिलाड़ियों के लिये होगी क्योंकि मैं जानता हूं कि उन्होंने कितनी कड़ी मेहनत की है। उन्हें अपने परिजनों की याद आती है। वे अपने परिवारों से दूर हैं। मैं जानता हूं कि उन्होंने इस प्रकिया में कितना प्रयास किया है।