By अंकित सिंह | Jan 09, 2025
किसान नेताओं ने कहा कि शंभू सीमा पर प्रदर्शन कर रहे 55 वर्षीय एक किसान ने गुरुवार (9 जनवरी) को जहरीला पदार्थ खाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली, जो तीन सप्ताह के भीतर आंदोलन स्थल पर इस तरह की दूसरी घटना है। तरनतारन जिले के पहुविंड के रहने वाले रेशम सिंह ने पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा बिंदु पर चरम कदम उठाया, जहां किसान लगभग एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, केंद्र पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने का दबाव बना रहे हैं।
किसानों ने कहा कि रेशम सिंह को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा कि रेशम सिंह लंबे विरोध के बावजूद मुद्दों का समाधान नहीं करने के लिए केंद्र सरकार से नाराज थे। एक अन्य किसान रणजोध सिंह ने 18 दिसंबर को शंभू सीमा पर आत्महत्या कर ली। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले, सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली मार्च रोके जाने के बाद किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।
वहीं, पंजाब सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसानों के साथ लगातार बैठकें की गईं, लेकिन उन्होंने शीर्ष अदालत द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत एवं न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ को पंजाब के महाधिवक्ता (एजी) गुरमिंदर सिंह ने सूचित किया कि समिति ने उन्हें 17 दिसंबर को आमंत्रित किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने उनसे बात नहीं की।