पाक कश्मीर में आतंकी साजिशों को इस तरह दे रहा अंजाम, हिन्द की सेना ने किया ह्यूमन इंटेलिजेंस जुटाने का पुख्ता इंतजाम

By अभिनय आकाश | Sep 13, 2021

बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बनी महाभारत का वो दृश्य जिसमें योद्धा अपना सधा हुआ बड़े से बड़ा अस्त्र छोड़ता था और सामने वाला योद्धा उसकी काट में अपना अस्त्र। दोनों आसमान में जाकर एक दूसरे से टकराते। ज्यादा मारक वाले अस्त्र सामने वाले के अस्त्र को नष्ट कर देता। जब पाकिस्तान जैसा पड़ोसी देश हो तो तमाम तरह के अस्त्रों-शस्त्रों से लैस होने की तैयारी करना हालात की मजबूरी भी है और जरूरत में जरूरी भी। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बने इसके लिए पाकिस्तान ने करीब दो दशक इंतजार किया। उसका पहला मकसद किसी भी रूप में भारत को नुकसान पहुंचाना है। रूस, चीन, अमेरिका के लिए वर्चस्व की लड़ाई में ग्रेट गेम हो सकता है। लेकिन सीमा से सटे क्षेत्र में परमाणु संपन्न दुश्मन और दुर्दांत आतंकियों की सरकार होने की चुनौती कितनी बरी हो सकती है तब जबकि आतंकियों के पास आधुनिक हथियार और टेक्नोलॉजी दोनों है। पाकिस्तान आधुनिक हथियारों से लैस ऐसे आतंकियों को भारत में खासतौर से कश्मीर में भेजने की योजनाएं बना रहा है। लेकिन पाक के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए हिन्द की सेना भी पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक के साथ ही ह्यूमन इंटेलीजेंस जुटाने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। और तो और आतंकी समर्थकों और उनके पालन-पोषण कर्ताओं पर भी सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर है। गृह मंत्रालय की भी कश्मीर को लेकर सक्रियता बनी हुई है, जिसके मद्देनजर अमित शाह ने सुरक्षा हालात की समीक्षा के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की कमियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। 

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जम्मू कश्मीर में ड्रोन दिखना नई बात नहीं है। पिछले दो-तीन सालों में कई बार पाकिस्तान की तरफ से हथियार गिराए गए या ड्रग्स सप्लाई करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हुआ। अगस्त 2019 से इस साल तक पाकिस्तान से ड्रोन आने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके जरिए सीमा पार बैठे आतंकवादी भारत के महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बना सकते हैं। इसके अलावा हथियार गिराए जाने की घटना भी सामने आ चुकी है। बॉर्डर पर पाकिस्तान कैसी भी हरकत कर ले लेकिन भारत कि नजर पाकिस्तान की एक-एक हरकत पर है। आतंकी हरकतों पर नजर रखने के लिए इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म और इंटरनेट की निरगानी भी बढ़ा दी गई है।

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मिलकर आतंकी साजिश को दे रहे अंजाम

हालिया दिनों में आतंकियों द्वारा इंटरनेट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक सामान के प्रयोग में बेहद कमी आई है और वे फिजीकली रूप से मिलकर आतंकी साजिश को अंजाम दे रहे हैं। जिसके लिए अब सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से ह्यूमन इंटेलीजेंस पर काम करना शुरू कर दिया गया है। इसी का असर था कि जुलाई और अगस्त में बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराने में सफलता हासिल हुई।  इसी तरह पाकिस्तान से लगती सीमा और नियंत्रण रेखा पर जवानों की तैनाती के साथ-साथ इलेक्ट्रानिक सर्विलांस का पूरा प्रबंध कर दिया गया है। 

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