Shaurya Path: Israel-Lebanon, Russia-Ukraine, Pakistani ISI और CDS के बयान से जुड़े मुद्दों पर Brigadier Tripathi से वार्ता

By नीरज कुमार दुबे | Sep 28, 2024

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) के साथ इजराइल और लेबनान के बीच छिड़े संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध, पाकिस्तान के नए आईएसआई चीफ की नियुक्ति और भारतीय सेना की ओर से शुरू किये गये भविष्य के युद्ध संबंधी पाठ्यक्रम से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी। पेश है विस्तृत साक्षात्कार-


प्रश्न-1. इजराइल और लेबनान के बीच संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। नाटो और पश्चिमी देशों ने दोनों से संघर्षविराम की अपील भी की है लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है?


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति पिछले ढाई साल से समय-समय पर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन उनका एक भी दावा आज तक सही साबित नहीं हुआ है। ऐसा लगता है कि वह पश्चिमी देशों की मदद हासिल करने के लिए ही हर बार युद्ध जीतने का एक अलग प्लान लेकर आते हैं।


उत्तर- इजराइल-हिजबुल्लाह संकट और गहराता जा रहा है क्योंकि इजरायली लड़ाकू विमानों ने बेरूत के दक्षिण में आवासीय इमारतों को निशाना बनाया है ताकि हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह को मारा जा सके, जो एक भूमिगत मुख्यालय में बैठक कर रहा था। उन्होंने कहा कि इस्तेमाल किए गए बमों की संख्या और आकार के आधार पर इजरायली खुफिया एजेंसियों का प्रारंभिक आकलन है कि नसरल्लाह मारा गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के अनुसार शुक्रवार शाम को इजराइली हमलों में कम से कम छह लोग मारे गए और 90 से अधिक घायल हुए, लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह हमले ऐसे समय हुए जब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में दिये गये अपने संबोधन में लेबनान में ईरान समर्थित लड़ाकों पर हमलों को जारी रखने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू के भाषण पर गौर करें तो युद्ध विराम की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं।


प्रश्न 2. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान बड़ा दावा किया है कि उनका देश इस युद्ध को खत्म करने की कगार पर है। इसे कैसे देखते हैं आप? साथ ही यूक्रेनी राष्ट्रपति की एक महीने में दूसरी बार भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात के क्या मायने हैं?


उत्तर- यूक्रेन के राष्ट्रपति पिछले ढाई साल से समय-समय पर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन उनका एक भी दावा आज तक सही साबित नहीं हुआ है। ऐसा लगता है कि वह पश्चिमी देशों की मदद हासिल करने के लिए ही हर बार युद्ध जीतने का एक अलग प्लान लेकर आते हैं लेकिन उन्हें कामयाबी मिलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेना थक चुकी है और यह युद्ध सिर्फ और सिर्फ मददगार देशों के भरोसे ही यूक्रेन खींच पा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां तक भारतीय प्रधानमंत्री से यूक्रेनी राष्ट्रपति की मुलाकात की बात है तो हाल के समय में यह तीसरी मुलाकात थी। निश्चित रूप से भारत उन प्रयासों में शामिल है जिसके तहत रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करवाने या युद्धविराम कराने की पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत रूस और यूक्रेन दोनों के साथ बातचीत कर रहा है, ताकि यह देखा जा सके कि क्या वह ऐसा कुछ कर सकता है, जिससे संघर्ष का अंत शीघ्र हो सके और उनके बीच गंभीर बातचीत शुरू हो सके।


प्रश्न 3. पाकिस्तान में नए आईएसआई चीफ क्यों लाए गए हैं? साथ ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान जिस तरह भिड़े हुए हैं उसे कैसे देखते हैं आप?


उत्तर- पाकिस्तान की सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक को देश की प्रमुख खुफिया एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है। मलिक 30 सितंबर को अपना पदभार संभालेंगे। उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति से पहले, उन्होंने पिछले तीन वर्षों से पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय में सहायक जनरल (एजी) के रूप में कार्य किया, जहाँ वे कानूनी और अनुशासनात्मक मामलों सहित सैन्य प्रशासनिक मामलों की देखरेख करते थे। उन्होंने कहा कि आईएसआई प्रमुख को अक्सर सेना प्रमुख के बाद सेना में दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा कि निवर्तमान आईएसआई प्रमुख जनरल नदीम अंजुम ने नवंबर 2021 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के अधीन पदभार संभाला था। उन्होंने कहा कि सितंबर 2022 में एक साल के लिए बढ़ाए गए उनके कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण राजनीतिक उथल-पुथल हुई, जिसमें अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से इमरान खान को पद से हटाना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जहां तक पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ रहे संघर्ष की बात है तो यह अभी और बढ़ेगा क्योंकि दोनों ओर से गलतियां की जा रही हैं।

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प्रश्न 4. सीडीएस ने कहा है कि भविष्य के युद्ध पर पहला पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसका आशय और उद्देश्य क्या है?


उत्तर- इसके बारे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि भविष्य के रणनीतिक नेताओं को प्रौद्योगिकी-संचालित युद्धक्षेत्र में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है, जहां समयसीमा तेजी से कम हो रही है। अग्रणी त्रि-सेवा भविष्य का युद्ध पाठ्यक्रम के समापन अवसर पर अपने संबोधन में जनरल चौहान ने रेखांकित किया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन लर्निंग, स्टेल्थ प्रौद्योगिकी और हाइपरसोनिक्स तथा रोबोटिक्स में प्रगति भविष्य के युद्धों के चरित्र को तय करेगी। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम से प्रतिभागियों को भविष्य के युद्ध का नेतृत्व करने और आकार देने में मदद मिलेगी, जिससे उभरती चुनौतियों के लिए एकीकृत और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्ध पर आधारित पहला पाठ्यक्रम 23 सितंबर से शुरू हुआ था, जिसमें विभिन्न रैंक के अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह प्रारंभिक पाठ्यक्रम है और संभवतः यह ‘‘भविष्य में परिपक्व होगा’’।

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