By अंकित सिंह | May 25, 2023
देश में नई संसद के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक बवाल छिड़ा हुआ है। 20 से ज्दादा विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे इसके उद्घाटन को लेकर अपना विरोध जताया और समारोह को बहिष्कार करने की बात कही है। नई संसद का उद्घाटन 20 मई को होना है। इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विपक्ष को इसमें शामिल होने की बात कही है। प्रधान ने कहा कि 21वीं सदी में अमृत काल में नए संसद भवन का लोकार्पण PM मोदी के हाथों से होने वाला है। वो इस पीढ़ी के लिए सबसे स्मरणीय दिन होने वाला है। आज दुनिया में सबसे ताकतवर देश बनकर भारत उभर रहा है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह सबके लिए गौरव का क्षण होगा.. हम अपील कर रहे हैं कि वो(विपक्ष) नकारात्मक मानसिकता छोड़कर प्रजातंत्र के इस महायज्ञ में शामिल हो। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों को संसद की कदर नहीं है। वे लगातार संसद को बाधित कर रहे हैं। वे संसद में बोलने के सदस्यों के अधिकारों को बाधित कर रहे हैं। उन्हें संसद का बिल्कुल भी सम्मान नहीं है। उद्घाटन का दिन देश के लिए महत्वपूर्ण है और वो (विपक्ष) इसमें राजनीति कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विपक्षी दलों ने संविधान से कुछ अनुच्छेद बोले और उस आधार पर हमें सलाह दे रहे।
पुरी ने कहा कि उस समय भी इंदिरा गांधी ने (संसद के उपभवन के उद्घाटन के दौरान) किया था। आपके पास अपने लिए अलग मानक हैं और दूसरों के लिए अलग। यह देश और किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक बार आने वाला क्षण है। फ़ुटनोट में कहीं लिखा जाएगा कि इन लोगों द्वारा संसद भवन के खुलने के कार्यक्रम का बहिष्कार किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह लोकतंत्र का मंदिर है, यहां तक कि प्रधानमंत्री भी इसके कदमों पर झुककर संसद में प्रवेश करते हैं। मैं विपक्ष से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि कृपया पुनर्विचार करें और समारोह में हिस्सा लें।