By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 15, 2021
नयी दिल्ली| भूटान ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि उसने चीन के साथ काफी समय से लंबित सीमा विवाद को सुलझाने के लिये ‘तीन चरणों के खाके’ पर सहमति व्यक्त की है और इस घटनाक्रम पर भारत ने कहा कि उसने इस पर संज्ञान लिया है।
इस संबंध में भूटान और चीन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। चार वर्ष पहले डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक गतिरोध कायम रहा था, जब चीन ने इस क्षेत्र में सड़क का विस्तार करने का प्रयास किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमने आज भूटान और चीन के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने पर संज्ञान लिया है। हमें इसकी जानकारी मिली है।’’ उन्होंने कहा कि आपको पता है कि भूटान और चीन आपस में 1984 से सीमा वार्ता कर रहे हैं और इसी प्रकार से भारत भी चीन के साथ सीमा वार्ता कर रहा है।
इससे पहले, भूटान ने एक बयान में कहा कि उसके विदेश मंत्री ल्योन्पो तांडी दोरजी और चीन के सहायक विदेश मंत्री वू झिंघाओ ने भूटान चीन सीमा वार्ता को तेज करने के लिये तीन चरणों के खाका एमओयू पर हस्ताक्षर किया। भूटान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि तीन चरणों के खाके से संबंधित एमओयू से सीमा वार्ता को गति मिलेगी।
इसमें कहा गया कि यह उम्मीद की जाती है कि यह खाका अच्छी भावना, समझ और समावेशी भाव से लागू किया जायेगा जो सीमा वार्ता को दोनों पक्षों को स्वीकार्य सफल निष्कर्ष तक पहुंचायेंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में डोकलाम क्षेत्र में जब चीन ने सड़क का विस्तार करने का प्रयास किया था तब भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था। इसके कारण भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक गतिरोध कायम रहा था। भूटान ने कहा था कि यह क्षेत्र उसका है और उस समय भारत ने भूटान के दावे का समर्थन किया था।