दिल्ली एयरपोर्ट पर भारत की पहली एयर ट्रेन चलेगी, जानें इसके बारे में रोचक जानकारी

By रितिका कमठान | Sep 24, 2024

दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर यात्रियों को सैंकड़ों सुविधाएं मिलती है। इसी कड़ी में एक और सुविधा यात्रियों को मिलने जा रही है। इसे लेकर दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) ने निविदा भी जारी कर दी है। इसके अनुसार टर्मिनल 1, 2 और 3 पर आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए एयर ट्रेन या स्वचालित पीपुल मूवर (एपीएम) के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया गया है। इस एयर ट्रेन में चार स्टॉप की व्यवस्था भी की गई है।

 

गौरतलब है कि यह भारत में पहली हवाई ट्रेन होने वाली है। इसकी 2027 तक शुरुआत हो सकती है। इस ट्रेन के 4 स्टॉप होंगे - टर्मिनल 2/3, टर्मिनल 1, एयरो सिटी और कार्गो सिटी। जानकारी के मुताबिक इस एयर ट्रेन को डीटीसी बसों के विकल्प के तौर पर पेश किया जाएगा। इसका उपयोग अभी यात्री दो दूर टर्मिनलों के बीच करते हैं। रिपोर्टों से पता चलता है कि ऑपरेटर को इसके लिए अक्टूबर और नवंबर में बोलियां मिल सकती है। बोली कौन जीतेगा इसका निर्णय विभिन्न पक्षों द्वारा कोट की गई लागत और अन्य कारकों के आधार पर किया जाएगा।

 

जानें एयर ट्रेन के बारे में

टर्मिनलों के बीच निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के लिए यात्रियों के लिए एयर ट्रेनों का उपयोग विश्व स्तर पर लंबे समय से किया जा रहा है। ये सुविधा एयरपोर्ट पर निःशुल्क है। यह मूलतः एक मोनोरेल है जो यात्रियों को सुचारू और परेशानी मुक्त सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए विश्व भर में कई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के टर्मिनलों के बीच चलती है। यात्री एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक यात्रा करने के लिए इस कनेक्शन का उपयोग करते हैं। खासतौर से ट्रांजिट उड़ानों के दौरान इनका उपयोग अधिक होता है। एयरट्रेन निर्धारित स्टेशनों पर बहुत कम समय में पहुंचती और रवाना होती है।

 

एयर ट्रेन की आवश्यकता

दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हर वर्ष 7 करोड़ से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि दिल्ली हवाई अड्डा भारत का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। दिल्ली हवाईअड्डा अब अगले 6-8 वर्षों में अपनी क्षमता को दोगुना करके 13 करोड़ करने की योजना बना रहा है। ऐसे में एयरपोर्ट पर हवाई ट्रेन की आवश्यकता काफी अधिक है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि लगभग 25% यात्री ट्रांजिट यात्री होंगे और इसलिए उन्हें टर्मिनलों के बीच निर्बाध स्थानान्तरण की आवश्यकता होगी। विशेषज्ञों का यह भी सुझाव है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर आने वाले भारी यातायात को केवल हवाई ट्रेन द्वारा ही प्रबंधित किया जा सकता है।

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